Gwalior: सफेद बाघिन के शावकों का आप कर सकते हैं नामकरण, पसन्द के नाम की पर्चियां Zoo में दे रहे लोग
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Gwalior: सफेद बाघिन के शावकों का आप कर सकते हैं नामकरण, पसन्द के नाम की पर्चियां Zoo में दे रहे लोग

ग्वालियर. शहर के गांधी प्राणी उद्यान में इन दिनों सफेद बाघिन (White Tigress) के नन्हे शावकों (Tigress Cubs) की चर्चा हर जगह हो रही है. उनकी अठखेलियां सैलानियों को लुभा रही हैं.

Gwalior के गांधी प्राणी उद्यान की अनोखी पहल

ग्वालियर. शहर के गांधी प्राणी उद्यान में इन दिनों सफेद बाघिन (White Tigress) के नन्हे शावकों (Tigress Cubs) की चर्चा हर जगह हो रही है. उनकी अठखेलियां सैलानियों को लुभा रही हैं. 116 साल पुराने गांधी प्राणी उद्यान (Gwalior Zoo) में दो दिन पहले ही नन्हे शावकों को पहली बार पिंजरे से बाहर लाया गया था. उन्हें निहारने के लिए बड़ी संख्या में सैलानी वहां पहुंच रहे हैं. जैसे ही शावक बाहर आए लोगों का उत्साह देखने लायक था. अब इन नन्हें बच्चों के नाम रखने हैं

60 दिन के हो गए नन्हें शावक
31 अगस्त को सफेद टाइगर मीरा ने 2 शावकों को जन्म दिया था. 60 दिन के होने के बाद बुधवार से इन दोनों को पिंजरे से निकालकर सैलानियों के बाहर लाया गया. अब जनता की पसंद से इनका नाम रखा जाना है. इसके लिए लोग अपनी पसन्द के नाम की पर्चियां एक बॉक्स में डाल रहे हैं. चिड़ियाघर के केज में जन्म के बाद से ही मीरा और इन शावकों को निगरानी में रखा गया था. अब ये शावक उछल कूद कर सभी को लुभा रहे हैं.

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देखिए कहां दे सकते हैं नाम 
दोनों शावकों को रोजाना दोपहर 12 बजे से दोपहर 2 बजे तक ही निकाला जाएगा. इसके साथ ही जल्द ही इनका नामकरण संस्कार भी होना है. इसके लिए जू में आ रहे सैलानियों से दोनों शावकों के लिए उनके पसंद के नाम भी लिए जा रहे हैं. सैलानी दोनों शावकों के नाम लिखकर चिड़ियाघर के कंट्रोलरूम में दे सकते हैं. प्राप्त नामों में से सबसे अच्छे नामों का चयन किया जाएगा. इसी से नन्हें शावकों का नामकरण किया जाएगा. बता दें दोनों शावकों में एक सफेद रंग और एक पीले रंग का है.

की जा रही खास देखभाल
बता दें सफेद शेरनी के इन शावकों के लिए अमेरिका से खास टीके मंगवाए गए. टीककरण के बाद जब शावक 60 दिन के हुए, तब इन्हें बाहर निकालकर बाड़े में लाया गया. नन्हें शावकों को बाड़े में भेजने से पहले चिड़ियाघर प्रबंधन की तरफ से व्यापक इंतजाम किए गए. इसी के साथ बच्चों को नहाने के लिए छोटा पोखर तैयार किया गया. सर्दी के इस मौसम में दोनों शावक दोपहर में तीन घंटे तक बाहर रहते हैं. दोनों शावक के 90 दिन के होने पर इनका नामकरण किया जाएगा. इसी के लिए शावकों के नाम सैलानियों की पसंद के मांगे जा रहे हैं. 

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