आज के समय में जब हिंंदू-मुस्लिम के विवादों की खबरों से देश में हलचल सी मची हुई है, ऐसे में मध्य प्रदेश के इंदौर में सांप्रदायिक सद्भाव की दिल छू लेने तस्वीर सामने आई है. यहां एक हिंंदू परिवार 50 सालों से शहर काजी के सम्मान में एक अनोखी परंपरा को निभा रहा है.
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शताब्दी शर्मा/इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर में सांप्रदायिक सद्भाव की दिल छू लेने वाली तस्वीरें अक्सर देखने को मिलती रहती हैं. हिंदू-मुस्लिम एकता की एक ऐसी ही परंपरा सालों से चली आ रहा है जब ईद के मौके पर शहर काजी नमाज पढ़ने के लिए बग्घी पर सवार होकर जाते हैं. हिंदू धर्म के लोग उन्हें पूरे सम्मान के साथ ईदगाह तक लेकर जाते हैं.
50 सालों से निभा रहे पंरपरा
इंदौर में सत्यनारायण सलवाड़िया का परिवार पिछले 50 सालों से गंगा-जमुनी तहजीब की परंपरा निभा रहा है. ये परिवार मीठी और बकरा ईद के मौके पर नमाज के लिए शहर काजी को पूरे सम्मान के साथ बग्घी पर बैठकर ईदगाह तक ले जाता है और नमाज ख़त्म होने के बाद उन्हें घर छोड़ता है. हालांकि कोरोना काल में दो साल परिवार ये परंपरा नहीं निभा सका लेकिन उस दौरान भी इन लोगों ने शहर काजी के घर पहुंचकर उनका स्वागत किया था.
पूरे देश को इंदौर से लेना चाहिए इस बात की सीख
इस पूरे मामले में शहर क़ाज़ी डॉक्टर इशरत अली बताते हैं कि इंदौर ऐसे ही सफ़ाई में 5 बार पर नंबर वन नहीं आया. इंदौर से पूरे देश को सीखना चाहिए.
हिंंदू परिवार वर्षों से निभा रहा परंपरा
हिंदू परिवार वर्षो से इस परंपरा को निभा रहा है. सत्यनारायण के पिता आरसी सलवाड़िया ने यह परंपरा शुरू की थी. पिता के निधन के बाद अब वह खुद से परंपरा को आगे बढ़ाकर भाईचारा निभा रहे हैं.
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