भारत बनेगा ड्रोन इंडस्ट्री का हब! इंदौर में शुरू हुई कमाल की पहल
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भारत बनेगा ड्रोन इंडस्ट्री का हब! इंदौर में शुरू हुई कमाल की पहल

ड्रोन एक बार में 5 किलो वजन के सामान को उठाकर ले जा सकेगा. 5 किलो को बॉक्स में करीब 500 सैंपल लैब में पहुंचाए जा सकेंगे.

भारत बनेगा ड्रोन इंडस्ट्री का हब! इंदौर में शुरू हुई कमाल की पहल

नई दिल्लीः भविष्य में तकनीक का बोलबाला रहेगा और इसमें ड्रोन इंडस्ट्री का खासा दबदबा देखने को मिलेगा. यही वजह है कि भारत सरकार ने भी देश में ड्रोन तकनीक पर काम करने की तैयारी शुरू कर दी है और सरकार की योजना है कि साल 2030 तक देश को ड्रोन इंडस्ट्री का हब बनाया जाए. इसी कड़ी में कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जो देश में ड्रोन टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देंगे. बता दें कि इंदौर में एक नई पहल की गई है, जिसके तहत लोगों के ब्लड सैंपल ड्रोन की मदद से लैब पहुंचाए जा सकेंगे.

स्वास्थ्य क्षेत्र में अनूठा प्रयोग
दरअसल इंदौर की एक निजी क्षेत्र की लैब को ड्रोन से ब्लड सैंपल मरीज के घर से लैब पहुंचाने की मंजूरी मिल गई है. डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन ने यह मंजूरी दी है. जिसके बाद जल्द ही यह अनूठा प्रयोग इंदौर में शुरू हो जाएगा.

ड्रोन एक बार में 5 किलो वजन के सामान को उठाकर ले जा सकेगा. 5 किलो को बॉक्स में करीब 500 सैंपल लैब में पहुंचाए जा सकेंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लैब संचालक डॉ. विनिता कोठारी ने बताया कि जल्द ही लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए कैंप लगाया जाएगा. इस कैंप में लिए जाने वाले ब्लड सैंपल ड्रोन की मदद से लैब तक पहुंचाए जाएंगे.

किसान ड्रोन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ही 100 किसान ड्रोन को हरी झंडी दिखाई है. ये ड्रोन देश के विभिन्न हिस्सों में कीटनाशकों और अन्य कृषि सामग्री के छिड़काव में इस्तेमाल किए जाएंगे. पीएम मोदी ने कहा कि देश में ड्रोन स्टार्टअप बढ़ रहे हैं और इनसे देश में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं. सरकार किसानों को ड्रोन खरीद पर सब्सिडी भी देगी. 

अरबों डॉलर की है ड्रोन इंडस्ट्री
भविष्य को देखते हुए माना जा रहा है कि ड्रोन इंडस्ट्री तेजी से विकास करेगी. अभी भी यह इंडस्ट्री अरबों डॉलर की है. एडवाइजरी फर्म बीआईएस रिसर्च के मुताबिक अभी ग्लोबल ड्रोन मार्केट में अमेरिका, चीन और इजरायल का दबदबा है और यह इंडस्ट्री करीब 28 बिलियन डॉलर से ज्यादा की है. भारत का इस इंडस्ट्री में हिस्सा अभी करीब एक बिलियन डॉलर के करीब है. बीते साल सरकार ने नई ड्रोन नीति पेश की है और जिस तरह से ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खोलने की तैयारी है, उससे उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही भारत ड्रोन तकनीक में अहम देश बन जाएगा. 

बता दें कि भारत सरकार ने बीते दिनों कई अहम ड्रोन के आयात पर रोक लगा दी है ताकि देश में ही उन्नत ड्रोन तैयार हो सकें. रक्षा क्षेत्र में ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता है लेकिन अब खेती, स्वास्थ्य में भी ड्रोन के इस्तेमाल ने बड़ी उम्मीद जगाई है.

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