इंदौर में वाटर रिचार्जिंग का गड्ढा बना काल, नहाने गए बच्चे की डूबने से मौत
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इंदौर में वाटर रिचार्जिंग का गड्ढा बना काल, नहाने गए बच्चे की डूबने से मौत

इंदौर में वाटर रिचार्जिंग के लिए बने गड्ढे में 12 वर्षीय मासूम की डूबने से मौत हो गई है.

वाटर रिचार्जिंग का गड्ढा

शताब्दी शर्मा/इंदौरः जिले के द्वारकापुरी थाना क्षेत्र में बीते शुक्रवार को दर्दनाक हादसा हो गया, जिसमें 12 साल के मासूम बच्चे की मौत हो गई. बता दें कि वह अपने दो दोस्तों के साथ गार्डन में बने वॉटर रिचार्जिंग के गड्ढे में भरे पानी में नहाने के लिए गया था. उसका पैर कीचड़ में फंस गया और वह गहराई में चला गया. अपने दोस्त को बचाने के लिए उसके साथी मदद मांगने पहुंचा मगर तब तक काफी देर हो चुकी थी. इस घटना में यह लापरवाही सामने आई है कि गड्ढे के आसपास सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं थे.

पूरी घटना द्वारकापुरी थाना क्षेत्र के सत्यदेव नगर की है. रहवासी सतीश द्विवेदी के मुताबिक सूर्यदेव नगर में रहने वाले 12 साल के युग पिता कमल माली की डूबने से मौत हो गई. बताया जा रहा है कि युग शुक्रवार दोपहर दो बजे के लगभग अपने घर के बाहर खेल रहा था. तभी वह खेलते हुए दो दोस्तों के साथ सत्यदेव नगर के बगीचे में पहुंचा. यहां निगम द्वारा वॉटर रिचार्जिंग सिस्टम के लिए खोदे गए गड्ढें में उतरकर वह नहाने लगा. इस दौरान अंदर कीचड़ में उसका पैर फिसला और वह गहराई में चला गया.

मिली जानकारी के अनुसार इस गड्डे की गहराई पांच से सात फीट के लगभग है, जिसमें से युग निकल नहीं पाया. साथ में गया उसका दोस्त मदद मांगने पहुंचा, लेकिन जब तक लोग यहां पहुंचे युग की मौत हो गई थी. युग पांचवी क्लास का छात्र था. उसके परिवार में एक बहन और भाई है. वहीं पिता सब्जी बेचने का काम करते हैं. बताया जा रहा है कि नगर निगम ने कई साल पहले यहां वॉटर रिचार्जिंग के लिए गड्ढ़ा किया था. जिसमें चारों तरफ लोहे की जाली की बाउंड्री वॉल की गई थी. मगर कुछ नशेड़ियों ने इसे उखाड़ फेंका था. 

यहां के रहवासियों ने फिर से बांउड्री वॉल बनाने के लिए निगम को शिकायत भी की थी. शिकायत सिर्फ कागज से अधिकारियों की टैबल पर ही अटकी रही. अगर समय रहते शिकायत पर अमल किया जाता तो आज मासूम को अपनी जान से हाथ नही धोना पड़ता, लेकिन यह पहला मामला नहीं है जब जल भराव या निगम की लापरवाही से जान गई हो. शहर में इससे पहले भी हादसे हुए हैं, लेकिन मानसुन से पहले की प्लानिंग हर साल पफैल नजर आती है, जिसका खामियाजा घटना और उससे होने वाली मौत से भुगतना पड़ता है. अब देखना होगा नंबर वन का खिताब दिलाने वाला इंदौर नगर निगम अपनी लापरवाहियों को ऐसे ही अनदेखा करता है या बारिश के पहले ही माह में हुई घटना से सबक लेकर उचित कार्ययोजना बनाता है.

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