IPS Kailash Makwana: CM मोहन यादव ने IPS मकवाना को दिए 10 में से 10 नंबर, DGP की दौड़ में हुए शामिल
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh2135485

IPS Kailash Makwana: CM मोहन यादव ने IPS मकवाना को दिए 10 में से 10 नंबर, DGP की दौड़ में हुए शामिल

IPS officer Kailash Makwana: सीनियर आईपीएस अफसर कैलाश मकवाना के लिए राहत भरी खबर है. सीएम मोहन यादव ने उनकी ईमानदारी को 10 में से 10 नंबर दिए हैं. अब वे DGP के लिए दावेदारी की दौड़ में शामिल हो गए हैं.

IPS Kailash Makwana: CM मोहन यादव ने IPS मकवाना को दिए 10 में से 10 नंबर, DGP की दौड़ में हुए शामिल

Senior IPS officer Kailash Makwana: सीनियर आईपीएस अफसर कैलाश मकवाना के लिए राहत भरी खबर है. सीएम मोहन यादव ने उनकी ईमानदारी को 10 में से 10 नंबर दिए हैं. ये खबर ऐसे समय आई है, जब उनकी सीआर को लोकायुक्त ने खराब कर दिया था. अब सीनियर IPS  की CR सुधारी गयी है, ऐसे में कैलाश मकवाना DGP के लिए दावेदारी की दौड़ में शामिल हो गए हैं.

गौरतलब है कि इस साल अंत तक एमपी की डीजीपी सुधीर सक्सेना का रिटायरमेंट होना है. ऐसे में मकवाना को मिली राहत उनके लिए अच्छी खबर है. वहीं मकवाना की जीत लोकायुक्त को भी एक बड़ा झटका है.

यहां बिगड़ा था मामला
दरअसल रीवा के एक डॉक्टर के खिलाफ स्थानीय लोकायुक्त पुलिस ने आय से अधिक संपत्ति का फर्जी मामला बनाया था. ये मामला करीब 7 साल तक पैंडिंग रहा. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लोकायुक्त संगठन ने इस मामले को खोलकर डॉक्टर के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज करने कहा था, लेकिन तब तत्कालीन लोकायुक्त डीजी मकवाना ने इससे इंकार कर दिया था. मकवाना ने जब इसकी जांच करवाई तो शिकायत झूठी निकली और डॉक्टर को क्लीनचीट मिल गई. इसके बाद से ही लोकायुक्त और डीजी मकवाना में ठन गई. मीडिया रिपोर्ट्स में तो ये भी छपा कि लोकायुक्त ने तत्कालीन सीएम शिवराज से कहकर मकवाना को डीजी पद से हटा दिया था.

सीएम ने दिए 10 में 10 नंबर
बता दें कि सीनियर आईपीएस मकवाना की छवि एक ईमानदार दबंग अफसर की है और उन्हें रिजल्ट देने वाला अफसर माना जाता है. DGP की दौड़ में शामिल मकवाना की CR 6 माह में लोकायुक्त डीजी रहते खराब की गई थी.  मकवाना ने सरकार से कहा था कि अफसर की 35 साल की शासकीय सेवा बेहतर रही है, उसका 6 महीने का लोकायुक्त डीजी का कार्यकाल कैसे खराब हो सकता है?

दरअसल मकवाना के तेवर से प्रदेश के बड़े साहबों में खौफ का माहौल था. कई बड़े अधिकारियों की मकवाना ने गर्दन पकड़ ली थी. इसके बाद सरकार में बेचैनी बढ़ गई थी. एक खेमे ने मकवाना के खिलाफ लॉबिंग शुरू कर दी थी. साथ ही लंबे समय से पड़ी शिकायतों की पुरानी फाइलों को खोलना शुरू कर दिया था. इसी के चलते उनकी CR दुर्भवनापूर्ण खराब की गई थी.  बता दें, सीआर खराब होने के बाद मकवाना ने राज्य सरकार को दिसंबर के तीसरे सप्ताह में अपना रिप्रजेंटेशन देकर कहा कि उनकी उनकी CR इंटेशन के चलते खराब की गई है, इसे सुधारा जाए. अब सीएम ने उनकी इमानदारी को 10 में से 10 नंबर दिए हैं.

लोकायुक्त को झटका
वहीं मकवाना को 10 में से 10 नंबर मिलने पर अब लोकायुक्त को बड़ा झटका लगा है. क्योंकि लोकायुक्त ने उनके खिलाफ पूरा केस तैयार कर रखा था. सीएम यादव के सामने जो दलीलें दी गई, वह एक भी नहीं टिक सकी और लोकायुक्त के तमाम तर्क फेल हो गए.

मकवाना को बनाया गया था लोकायुक्त का महानिदेशक 
बता दें कि कैलाश मकवाना 1988 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी हैं.मकवाना को छह महीने पहले लोकायुक्त संगठन में विशेष पुलिस स्थापना (special police establishment) का महानिदेशक बनाया गया था. मकवाना ने छह माह में लोकायुक्त पुलिस की कार्यशैली बदल दी थी.उन्होंने एक आईएएस और एक आईएफएस अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस भी दर्ज करवाया था.

Trending news