BJP MLA Narendra Kushwaha: भिंड विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. जबलपुर कोर्ट ने उनके खिलाफ जारी अरेस्ट वारंट पर रोक लगा दी है. जानें पूरा मामला-
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Bhind News: भिंड विधानसभा सीट से BJP विधायक नरेंद्र कुशवाह के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट पर जबलपुर कोर्ट की मुख्य पीठ ने रोक लगा दी है. MLA नरेंद्र कुशवाह के मामले में सुनवाई करते हुए जबलपुर बेंच ने ये रोक लगाई है. भिंड विधायक के खिलाफ कोर्ट में पेश नहीं होने पर गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था. इसके खिलाफ MLA नरेंद्र ने उच्च न्यायालय की मुख्य पीठ की जबलपुर बेंच में अपील दायर की थी.
जानें पूरा मामला
27 दिसंबर को भिंड से BJP विधायक नरेंद्र कुशवाह के खिलाफ कोर्ट में पेश नहीं होने पर गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था. विधायक के अधिवक्ता अवधेश तोमर ने बताया कि केस 2015 का है. उनके खिलाफ जिला पंचायत वार्ड-एक बाराकलां से BSP प्रत्याशी बाबूराम जामौर को कलेक्ट्रेट कैंटीन से अपने वाहन में जबरदस्ती बैठाकर ले गए और उनको चुनाव नहीं लड़ने के लिए धमकाने और मारपीट का आरोप है.
अधिवक्ता अवधेश तोमर ने बताया कि इस मामले में फरियादी बाबूराम जामौर से तीनों आरोपियों का समझौता हो चुका है. करीब 8 साल पहले जब भिंड में जिला पंचायत के सदस्यों के चुनाव हो रहे थे. उस समय बाबूलाल जामौर भी सदस्य के रूप में वार्ड 6 जवासा से अपना नामांकन दाखिल करना चाह रहे थे. उस समय भिंड विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह की पत्नी मिथलेश कुशवाह भी अपना नामांकन दाखिल करने की तैयारी में थी.
आरोप है कि भिंड विधायक नरेंद्र कुशवाह, गोहद विधायक केशव देसाई और उनके समर्थकों ने बाबूराम जामौर को बीच रास्ते में से अगवा कर लिया था और जंगल में ले गए थे. यहां उनके साथ जमकर मारपीट की गई थी. उनका जातिगत अपमान भी किया गया था. इस मामले में भिंड के देहात थाने में भिंड विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह, गोहद के कांग्रेस विधायक केशव देसाई सहित दो अन्य लोगों के खिलाफ दलित उत्पीड़न, अवैध विरोध में रखने और धमकाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था.
MP- MLA कोर्ट में यह मामला लंबे समय से विचाराधीन है. न्यायालय ने पूर्व में भी आरोपियों को अपने बयान दर्ज करने के लिए निर्देशित किया था।. न्यायालय के आदेश पर पिछली सुनवाई के दौरान कांग्रेस के विधायक केशव देसाई पेश हुए थे, लेकिन भिंड के भाजपा विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह कोर्ट के निर्देश के बावजूद दूसरी बार पेश नहीं हुए थे. ऐसे में उनके खिलाफ विशेष न्यायालय ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. उन्हें 8 जनवरी को आवश्यक रूप से पेश होने के निर्देश दिए गए थे. इसके लिए एमपी एमएलए कोर्ट ने भिंड और ग्वालियर के पुलिस अधीक्षकों को भी निर्देशित किया था.
इनपुट- ग्वालियर से प्रियांशु यादव की रिपोर्ट, ZEE मीडिया