जोबट विधानसभा सीट पर कांग्रेस से बागवत करने वाले प्रत्याशी ने नामांकन वापस ले लिया है.
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भोपालः मध्य प्रदेश की जोबट विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में एक बार फिर बड़ा बदलाव देखने को मिला है. कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन फार्म जमा करने वाले प्रत्याशी ने अपना नामांकन वापस ले लिया है. जिससे कांग्रेस को बड़ी राहत मिली है.
दीपक भूरिया ने वापस लिया नामांकन
दरअसल, जोबट विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने महेश पटेल को प्रत्याशी बनाया है. जिससे नाराज होकर दिवंगत विधायक कलावती भूरिया के भतीजे दीपक भूरिया ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन जमा कर दिया था. जिससे कांग्रेस की मुश्किले बढ़ गई थी. हालांकि अब दीपक भूरिया ने नामांकन वापस ले लिया है. जोबट विधानसभा सीट पर कांग्रेस के प्रभारी विधायक रवि जोशी और पूर्व मंत्री विजयलक्ष्मी साधो और उनके भाई विक्रांत भूरिया की मौजूदगी में दीपक ने अपना नामांकन वापस ले लिया.
कांग्रेस को बड़ी राहत
दीपक के नामांकन वापस लेने से कांग्रेस को बड़ी राहत मिलती नजर आ रही है. क्योंकि दीपक भूरिया के चुनाव लड़ने की स्थिति में कांग्रेस के वोट कटने के पूरे आसार थे. ऐसे में कांग्रेस के बड़े नेताओं ने दीपक भूरिया से बात करके उनका नामांकन वापस करवा दिया. खास बात यह है कि जब दीपक भूरिया ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन वापस किया था. उनके चाचा और पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया ने उनका नाम वापस लेने की बात कही थी. अब दीपक ने कांग्रेस प्रत्याशी महेश पटेल के पक्ष में काम करने की बात कही है.
दरअसल, दीपक भूरिया ने निर्दलीय नामांकन जमा करते हुए कहा था कि वह अपनी बुआ और दिवंगत विधायक कलावती भूरिया के सम्मान में उपचुनाव लड़ने जा रहे हैं. दीपक भूरिया ने कहा कि वह जोबट की जनता के लिए यह चुनाव लड़ रहे हैं. राजनीतिक जानकारों की माने तो अगर दीपक चुनाव में उतरते है तो इससे कांग्रेस की मुश्किले बढ़ सकती हैं. क्योंकि जोबट सीट पर भूरिया परिवार का अच्छा दबदबा माना जाता है. हालांकि कांतिलाल भूरिया ने दीपक भूरिया को मनाने की बात कही है.
कौन है दीपक भूरिया
बता दें कि दीपक भूरिया कांग्रेस की दिवगंत विधायक कलावती भूरिया और पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के भाई के बेटे हैं. उन्होंने 2018 के विधानसभा चुनाव में अपनी बुआ के चुनाव के प्रचार की कमान भी संभाली थी. जबकि कलावती भूरिया के निधन के बाद उपचुनावों में वह लगातार कांग्रेस की तरफ से टिकट की मांग भी कर रहे थे. लेकिन कांग्रेस ने महेश पटेल पर दाव लगाया, जिसके चलते अब दीपक ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामाकंन दाखिल कर दिया.
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