किन्नर ने गाय की बछिया की छठी पर क्यों मनाया जश्न, पंडित बुलाकर नामकरण भी हुआ, दिलचस्प है कारण
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किन्नर ने गाय की बछिया की छठी पर क्यों मनाया जश्न, पंडित बुलाकर नामकरण भी हुआ, दिलचस्प है कारण

शहर में एक अनोखा और दिल जीत लेने वाला मामला देखने को मिला. यहां एक किन्नर ने अपने यहां पैदा हुई गाय की बछिया की छठी की पूजा की और घूमघाम से उत्सव मनाया. इस जश्न में किन्नर का परिवार और मौहल्ले वाले खूब नाचे झूमे. किन्नर को 6 साल पहले दान में एक गाय की बछिया मिली थी.

किन्नर ने गाय की बछिया की छठी पर क्यों मनाया जश्न, पंडित बुलाकर नामकरण भी हुआ, दिलचस्प है कारण

खंडवा: शहर में एक अनोखा और दिल जीत लेने वाला मामला देखने को मिला. यहां एक किन्नर ने अपने यहां पैदा हुई गाय की बछिया की छठी की पूजा की और घूमघाम से उत्सव मनाया. इस जश्न में किन्नर का परिवार और मौहल्ले वाले खूब नाचे झूमे. किन्नर को 6 साल पहले दान में एक गाय की बछिया मिली थी. इसे पाल पोस कर बड़ा किया और छह दिन पहले इस गाय ने एक बछिया को जन्म दिया, जिसकी छठी का जश्न  मनाया गया. इस दौरान विधायक देवेंद्र वर्मा भी शामिल हुए. 

गाय दान देने वाले नाना नानी की तरह हुए शामिल
जश्न के लिए बछिया को खूब सजाया गया और उसका नामकरण भी किया गया. किन्नर का कहना है कि इसके जरिए समाज को संदेश देने की कोशिश की है कि गाय की बछिया को भी इंसान की लड़की के समान माना जाए. इसकी परवरिश करना मानव समाज का धर्म है. खंडवां की सितारा किन्नर के घर गाय की बछिया के जन्म होने पर ऐसी खुशियां मनाई गई जैसे कोई मां बाप अपने बच्चे के जन्म पर मनाता है. नामकरण के लिए मोहल्ले वालों के साथ गाय दान देने वाला परिवार नाना नानी के तौर पर शामिल हुआ और खूब खुशियां मनाई गई. बछिया का नाम जमना रखा गया. 

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बेटी के जन्म पर मातम मनाने वाले 
अपनी गाय को बछिया के जन्म देने पर खुशियां मनाती तस्वीर मानवता के संदेश देने वाली है. लोगों के घर खुशियों में शामिल होने वाले किन्नर के घर जब खुशियां मनी तो पूरा मौहल्ला उसमें शामिल हुआ. जैसे इंसान के बच्चे के जन्म के छठवें दिन पंडित को बुलाकर पूरी विधि विधान से पूजा और नामकरण किया जाता है, ठीक वैसे ही गाय और बछिया के नाम पर जश्न मना और उन लोगों को संदेश दिया गया जो बेटी के जन्म होने पर मातम मनाते हैं. 

सितारा और कैलाश ने 18 साल पहले शादी की थी
सर पर मुकुट, गले मे माला, शरीर पर लाल रंग का कपड़ा और माथे पर तिलक, सजी संवरी जमना को देख हर कोई वाह कर रहा था. सितारा और कैलाश ने 18 साल पहले शादी की थी, इनको बच्चे तो हो नही सकते तो, इन्होंने अपने घर जन्म ली जमना को ही अपनी बेटी मानकर छठी का उत्सव और नामकरण संस्कार का कार्यक्रम आयोजित किया. बछिया को बेटी मानकर उत्सव मनाने वाली सितारा इस खुशी में जमकर नाची. किन्नर सितारा को भारती डिग्रीलाल यादव ने 6 साल पहले एक गाय की बछिया दान में दी थी. आज इन्होंने ने भी नाना-नानी की तरह जमकर खुशियां मनाई. सितारा ने किन्नर हो कर भी जो खास सन्देश समाज को दिया है वह न सिर्फ एक लड़की के जन्म के बाद मातम मनाने वाले के मुंह पर तमाचा है, बल्कि पशु पालन करने वालों के लिए भी अच्छा सन्देश है.

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