किसानों का दुख होगा कम! शासन के ज्यादातर बांध पानी से लबालब, रबी की फसल सिंचाई में मिलेगी मदद
राज्य के कुछ जिलों में इस सीजन में कम बारिश भी हुई, जिसका असर क्षेत्र के डेमों पर पड़ा. यहां राजगढ़ जिले के कुंडलिया और मोहनपुरा बांध में सबसे कम 34 और 47 फीसदी ही जलभराव अब तक हुआ.
भोपालः मध्य प्रदेश के किसानों को इस बार रबी की फसल सिंचाई में पानी की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा. मध्य प्रदेश जल संसाधन विभाग के 27 बांधों में सौ फीसदी जल भराव हो चुका है, वहीं अन्य प्रमुख बांधों में भी 90 से 95 फीसदी तक जलभराव संपन्न होने की जानकारी मिली. रबी की फसल के लिए किसानों को पर्याप्त जल के साथ ही पेयजल की व्यवस्था भी रहेगी.
जल ससंधान विभाग में पर्याप्त पानी
प्रदेश में जल संसाधन विभाग के 39 बांध और बड़े जलाशयों में से 27 तालाबों में सौ फीसदी पानी भर चुका है. वहीं 9 अन्य जलाशयों में भी 80 फीसदी तक पानी भर चुका है. भोपाल में केरवा डेम, होशंगाबाद में तवा बांध, विदिशा में राजघाट, हलाली, सम्राट अशोक सागर व संजय सागर बांध, टीकमगढ़ में बाणसुजारा बांध, मुरैना में पगारा, सागर में पगरा, गुना में गोपी कृष्ण और झाबुआ में माही बांध जलभराव की उच्चतम क्षमता स्तर पर पहुंच गए हैं.
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इन बांधों में 95 फीसदी जलभराव
रायसेन के बारना बांध, बालाघाट के राजीव सागर, रतलाम के धौलावड़, मंदसौर के गांधी सागर, शिवपुरी के मनीखेड़ा, बैतूल के पारसडोल, छिंदवाड़ा के पेंच, मंदसौर के रेतम बैराज बांध, सिवनी के संजय सरोवर, ग्वालियर के हरसी, ग्वालियर के ककेटो, सीधी के महान, शिवपुरी के महुअर और श्योपुर के अपर ककेटो बांध में 95 फीसदी से भी अधिक जलभराव की स्थिति पहुंच चुकी है.
इन बांधों में सबसे कम पानी
राज्य के कुछ जिलों में इस सीजन में कम बारिश भी हुई, जिसका असर क्षेत्र के डेमों पर पड़ा. यहां राजगढ़ जिले के कुंडलिया और मोहनपुरा बांध में सबसे कम 34 और 47 फीसदी ही जलभराव अब तक हुआ. ओंकारेश्वर और खरगोन बांध 51 फीसदी ही भरा है, वहीं आसपास के क्षेत्रों में पानी गिरने से जलस्तर लगातार बढ़ रहा है.
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