MP की सियासत में गाय की एंट्री, 2023 के लिहाज से अहम है यह मुद्दा
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MP की सियासत में गाय की एंट्री, 2023 के लिहाज से अहम है यह मुद्दा

2023 के विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी और कांग्रेस पूरी ताकत से जमीन मजबूत करने में जुट गई है. मध्य प्रदेश के चुनाव में भी धार्मिक मुद्दे जमकर उठते हैं. 

MP की सियासत में गाय की एंट्री, 2023 के लिहाज से अहम है यह मुद्दा

भोपाल। मध्य प्रदेश की सियासत में एक बार फिर गाय की एंट्री हो गई है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के नेता इस मुद्दे पर फिर से सक्रिए होते हुए दिखाई दे रहे हैं. दरअसल, प्रदेश की सियासत में शुरू से ही गाय बड़ा मुद्दा रही है. लिहाजा कांग्रेस विधायक ने गाय को लेकर ऐसी मांग की है, जिससे प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में यह मामला फिर से सुर्खियों में आ गया है. 

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2023 में अहम मुद्दा 
दरअसल, 2023 के विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी और कांग्रेस पूरी ताकत से जमीन मजबूत करने में जुट गई है. मध्य प्रदेश के चुनाव में भी धार्मिक मुद्दे जमकर उठते हैं, ऐसे में प्रदेश की सियासत में एक बार फिर गाय का मुद्दा उठने लगा है. 2018 के विधानसभा चुनाव में भी गाय को लेकर जमकर वादों का दौर चला था. वहीं इस बार शुरुआत कांग्रेस की तरफ से की गई है. 

राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग 
हार्डकोर हिंदुत्व की राह पर अग्रसर कांग्रेस की तरफ से पार्टी के विधायक और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग की है. पीसी शर्मा ने कहा कि ''गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए, कमलनाथ सरकार के समय गौशालाएं बनी थी, हमने गाय के लिए लगातार काम कर रहे थे, कांग्रेस गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की सिफारिश करती, लेकिन उससे पहले हमारी सरकार चली गई. अब भाजपा गाय के नाम पर सियासत तो खूब करती है. पर यदि गाय की सच्ची हितैषी है तो गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करवाने में सुर में सुर मिलाये.''

पीसी शर्मा ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि आज गाय सड़कों पर मारी मारी फिर रही है, कमलनाथ सरकार ने गाय के संधारण का पैसा बढ़ाया था. लेकिन सरकार बदलते ही वह पैसा घट गया यह भले ही गाय पालने पर पैसा देने का ऐलान कर रहे हैं पर इससे गाय सुरक्षित और बेहतर संधारण नहीं हो सकेगा. गाय कि यदि सच्ची हितैषी बीजेपी है तो राष्ट्रीय पशु घोषित करवाएं.

आरिफ मसूद ने किया समर्थन 
खास बात यह है कि कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा की इस मांग को उन्हीं की पार्टी के विधायक आरिफ मसूद ने भी समर्थन दिया है. हमेशा अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने पीसी शर्मा के बयान पर समर्थन करते हुए कहा कि ''गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने में कोई एतराज नहीं है, इससे यदि हिंदुओं को अच्छा लगता है तो मुस्लिमों को भी कोई दिक्कत नहीं है, गाय की भलाई के लिए हमारा पूरा समर्थन है. देश की एक बड़ी आबादी यदि खुश हो रही है तो हमें कोई दिक्कत नहीं है.''

बीजेपी का पलटवार 
कांग्रेस विधायकों की मांग पर बीजेपी ने भी पलटवार किया, बीजेपी के प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार शिवराज सिंह चौहान ने गौ पालकों के लिए लाभ का धंधा बनाया जिस पर कांग्रेस को आपत्ति है. कांग्रेसी कह रहे हैं राष्ट्रीय पशु घोषित करो, लेकिन इससे किसको आपत्ति है. जब यही मांग को लेकर साधु संत सड़को पर उतरे थे तो कांग्रेस की केंद्र सरकार ने गोली चलवाई थी. बीजेपी नेता ने कहा कि कांग्रेस जनता को गुमराह करना बंद करे कांग्रेस और इस प्रकार के आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति बंद करें.

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दरअसल, राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कांग्रेस 2023 के लिहाज से किसी भी वर्ग का नुकसान नहीं उठाना चाहती है. इसलिए पार्टी अभी से हर वर्ग को साधने की रणनीति में जुटी है. इसलिए कांग्रेस ने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग उठाकर एक बड़ा दांव चला है. यही वजह है कि बीजेपी भी अब इस मुद्दे पर एक्टिव हो गई है.

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