Mahashivaratri: शिव नवरात्र के तीसरे दिन बाबा महाकाल को लगाई गई हल्दी, कल होगा छबीना शृंगार
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh1568951

Mahashivaratri: शिव नवरात्र के तीसरे दिन बाबा महाकाल को लगाई गई हल्दी, कल होगा छबीना शृंगार

Baba Mahakal Marriage Haldi Ceremony: महाकाल की नगरी में शिव नवरात्रि पर्व का आज तीसरा दिन था. आज बाबा महाकाल साकार से निराकर हुए और घटाटोप श्रंगार रूप में भक्तों को दर्शन दिए. इस दौरान महिलाओं ने मंदिर परिसर में मांगिलक गीत गाया. 

Mahashivaratri: शिव नवरात्र के तीसरे दिन बाबा महाकाल को लगाई गई हल्दी, कल होगा छबीना शृंगार

राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन: श्री महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि (mahashivaratri) पर्व का रविवार को तीसरा दिन रहा. बाबा महाकाल के पूजन का क्रम तीसरे दिन बाबा महाकाल ने घटाटोप रूप (ghataatop shrringaar)में भक्तों को दर्शन दिए. बड़ी संख्या में भक्तों ने बाबा का आशीर्वाद लिया. वहीं मंदिर में पुजारियों ने आज बाबा को हल्दी (haldi ceremony) लगाई. महिलाओं ने मंगल गीत गाए, नृत्य किया और बड़े हर्ष उल्लास के साथ पर्व को मनाया. मंदिर के पुजारी संजय गुरु ने कहा बाबा का घटाटोप श्रंगार दर्शाता है कि जब शिव ने तांडव (shiv tandav) किया था और बादलों में घटाएं छाई थीं, कहीं उत्साह था, उमंग का माहोल था. उसी रूप में आज बाबा ने दर्शन दिए हैं. पुजारी आशीष गुरु ने कहा फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष तिथि सप्तमी का दिन बाबा निराकर से साकार हुए हैं. उनकी जताएं आज खुली है, रजत प्रतिमा आज धारण की है. अब चौथे दिन बाबा का छबीना रूप में श्रंगार देखने को मिलेगा.

जानिए क्या कहा पुजारी ने
पुजारी संजय गुरु ने अधिक जानकारी देते हुए कहा की सुबह भस्मार्ती के दौरान पंचाभिषेक हर रोज की तरह हुआ. देश व प्रदेश की सुख समृद्धि की कामना की गई. दोपहर 03 बजे पूजन के बाद भगवान को नए वस्त्र धारण करवाए गए. जिसमें सोला दुसाला, स्वर्ण जड़ित आभूषण धारण कर घटाटोप रूप में बाबा का पूरा श्रंगार किया गया. जो कि तीसरे दिन का क्रम है. बड़ी संख्या में भक्तों ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया. वहीं पुजारी महेश गुरु ने कहा हर रोज भगवान अलग अलग स्वरूप में दर्शन देंगे. शिव-नवरात्रि का समय भगवान शिव के पुजन अर्चन, ध्यान- चिंतन -मनन, की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है. हर बड़े पर्व पर महाकाल मंदिर में बाबा महाकाल से पहले कोटेश्वर महादेव का पूजन अभिषेक किया जाता है.

हर रोज होने वाले भगवान के दर्शन रूप के बारे में जानिए
पहला दिन : चंद्रमोलेश्वर श्रंगार किया गया.
दूसरा दिन : शेषनाग शृंगार हुआ.
तीसरा दिन : घटाटोप शृंगार हुआ.

चौथा दिन : छबीना शृंगार
पांचवां दिन : होल्कर शृंगार
छठा दिन : मनमहेश शृंगार
सातवां दिन : उमा महेश शृंगार
आठवां दिन : शिव तांडव शृंगार

नवें दिन : भगवान दूल्हा रूप में दर्शन देंगे और इसी दिन सप्तधान रूप में भगवान का शृंगार कर फल व फूलों से बना सेहरा सजाया जाएगा. सोने के आभूषण धारण कराए जाएंगे दोपहर में भस्मारती होगी.

ये भी पढ़ेंः Mahashivratri Upay: महाशिवरात्रि में इस विधि से किया शिव तांडव स्त्रोत, भोलेनाथ पूरा कर देंगे हर काम

Trending news