MLA Oath In MP Vidhan Sabha: मध्य प्रदेश विधानसभा में आज विधायकों का शपथ ग्रहण हुआ. इसमें 12 विधायकों ने संस्कृत में जबकि, एक ने उर्दू और एक ने अंग्रेजी में शपथ ली. बाकी विधायकों ने हिंदी में शपथ ली है. 22 की शपथ अभी बाकी है.
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MP Vidhan Sabha Satra: भोपाल। मध्य प्रदेश के विधानसभा सत्र का आज पहला दिन था. इसमें कई औपचारिकताएं पूरी की गईं. नव निर्वाचित विधायकों को विधायक पद की शपथ दिलाई गई. इसके साथ ही विधानसभा अध्यक्ष के लिए नरेंद्र सिंह तोमर ने नामांकन भी दाखिल किया. आज 207 विधायकों को विधायक कल शपथ दिलाई गई. इससे पहले प्रोटेम स्पीकर गोपाल भार्गव पहले ही शपथ ले चुके हैं. यानी कुल 208 विधायकों की शपथ हो गई है. अब 22 विधायकों की शपथ होनी बाकी है.
22 विधायकों की शपथ बाकी
आज कुल 208 विधायकों की शपथ हुई. इसमें 12 विधायकों ने संस्कृत में शपथ ली. एक ने उर्दू और एक ने अंग्रेजी में शपथ ली. 22 विधायकों की शपथ होना बाकी है. आइये जानें किस विधायक ने किस भाषा में शपथ ली और सत्र में आज क्या-क्या हुआ.
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किस ने अंग्रेजी, ऊर्दू और संस्कृत में ली शपथ
प्रोटेम स्पीकर भार्गव ने सबसे पहले सीएम डॉ. मोहन यादव को शपथ दिलवाई. मुख्यमंत्री के बाद कांग्रेस विधायक दल के नेता उमंग सिंघार को शपथ दिलवाई गई. ज्यादातर विधायकों ने हिंदी में शपथ ली है. बुंदेलखंड से विधायक धर्मेंद्र लोधी सहित 12 विधायकों ने संस्कृत में अपनी शपथ पढ़ी. वहीं भोपाल से विधायक आरिफ मसूद ने उर्दू में तो सैलाना से भारत आदिवासी पार्टी के विधायक कमलेश्वर डोडियार ने अंग्रेजी में शपथ ग्रहण की है.
उमंग और कटारे की विरासत
सत्र के पहले दिन कांग्रेस में एक जुटता देखने को मिली. सभी विधायक विधानसभा पहुंचने से पहले कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे. इसके बाद वे सभी नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में सदन के लिए रवाना हुए. बता दें पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधानसभा की कार्यवाही में भाग नहीं लिया. बता दें उमंग सिंहार और हेमंत कटारे अपनी विरासत के साथ यहां पहुंचे हैं. सिंघार की बुआ जमुना देवी नेता प्रतिपक्ष थीं. वहीं हेमंत कटारे के पिताजी सत्यदेव कटारे भी नेता प्रतिपक्ष थे.
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सुरक्षा व्यवस्था रही चाक चौबंद
लोसकभा में हुई घटना के बाद मध्य प्रदेश विधानसभा में भी सुरक्षा की तगड़ी व्यवस्था की गई थी. करीब 1000 सुरक्षाकर्मी तैनात के साथ ही मार्शल भी सुरक्षा का जिम्मा संभाले हुए थे. एंट्री से पहले सभी की सघन जांच हो रही थी. मुख्य द्वार पर स्कैनर लगाए गए थे. कड़ी सुरक्षा होने के चलते नवनिर्वाचित विधायक और उनके परिजनों को भी मशक्कत करनी पड़ी.