MP-महाराष्ट्र में जल बंटवारे पर बनेगी बात ! 6 सिंचाई परियोजनाएं पर होगी चर्चा, दोनों मुख्य सचिव करेंगी VC
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MP-महाराष्ट्र में जल बंटवारे पर बनेगी बात ! 6 सिंचाई परियोजनाएं पर होगी चर्चा, दोनों मुख्य सचिव करेंगी VC

MP-Maharashtra Water Projects: मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की मुख्य सचिव मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक अहम मीटिंग करने वाली हैं, इस मीटिंग में जल बंटवारे पर चर्चा होगी. 

मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र के बीच अहम बैठक

मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के बीच के बीच लंबे समय से जल बंटवारे को लेकर विवाद चल रहा है, दोनों राज्यों के बीच अब तक कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन मामला पूरी तरह से हल नहीं हुआ है. मंगलवार को महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की मुख्य सचिवों के बीच जल बंटवारे और कुछ सिंचाई परियोजनाओं को लेकर बैठक होनी है. हालांकि यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी. जिसमें दोनों राज्यों के कई और बड़े अधिकारी भी शामिल होंगे. बता दें कि मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र राज्य एक दूसरे लंबी सीमाएं शेयर करते हैं, दोनों राज्यों के बीच नर्मदा समेत कई नदियां भी बहती हैं. 

मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र में बनेगी बात 

दरअसल, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के बीच अंतर्राज्यीय मुद्दों के अंतर्गत प्रमुख मुद्दों में संयुक्त जल परियोजनाओं में जल के बंटवारे पर चर्चा होनी है. बैठक में एमपी की मुख्य सचिव वीरा राणा और महाराष्ट्र की मुख्य सचिव सुजाता सैनिक के बीच चर्चा होगी. बैठक से पहले मध्य प्रदेश की मुख्य सचिव वीरा राणा ने जल संसाधन विभाग से सभी अहम जानकारी भी मांगी है. बता दें कि दोनों राज्यों के बीच कई अहम प्रोजेक्ट चल रहे हैं. जबकि दोनों राज्यों के बीच कुछ प्रोजेक्ट्स चालू होने की भी उम्मीद है. 

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मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र की अहम सिंचाई परियोजनाएं 

नर्मदा नदी घाटी परियोजना: दोनों राज्यों के बीच नर्मदा नदी घाटी परियोजना भी अहम प्रोजेक्ट है. इस योजना के तहत 1989 में राज्य राज्य मध्य प्रदेश के साथ गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान को नर्मदा नदी का पानी आवंटित किया जाता है. इस परियोजना से सभी राज्यों की 27.5 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई होती है. 

सरदार सरोवर परियोजना: यह परियोजना भी मध्य प्रदेश के साथ महाराष्ट्र, राजस्थान और गुजरात की बहुउद्देशीय और बड़ी परियोजना है. सरदार सरोवर भारत का दूसरा सबसे ऊंचा बांध है, इस मुद्दे पर भी दोनों राज्यों में जल बंटवारें पर सहमति बनानी है, जबकि बिजली उत्पादन क्षमता भी अहम मुद्दा है.

बावन थड़ी परियोजना: यह मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के बीच चल रही एक संयुक्त परियोजना है. इससे मध्य प्रदेश के बालाघाट और सिवनी जिले के किसान सिंचाई करते हैं, बालाघाट जिले के कंटगी में एक बांध भी बना हुआ है. 

संजय सरोवर परियोजना: दोनों राज्यों के बीच संजय सरोवर परियोजना भी चल रही है, यह वैन गंगा नदी पर बनी है. इससे मध्य प्रदेश के सिवनी जिले को फायदा होता है, जबकि महाराष्ट्र के गोंदिया-भंडारा जिले को फायदा होता है, यह परियोजना 1972 से चल रही है. 

पेंच सिंचाई परियोजना: महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के बीच यह भी एक संयुक्त परियोजना है, जिससे छिंदवाड़ा और बालाघाट जिलों को फायदा होता है. 

बाघ परियोजना: मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के बीच बाघ परियोजना भी अहम है, इस योजना के तहत एक बांध का निर्माण किया गया है, जिससे एमपी और महाराष्ट्र से सटे जिलों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराना है, इस पर भी सहमति बनाना है. 

एमपी-महाराष्ट्र के गर्वनर भी कर चुके हैं बैठक 

मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के राज्यपाल भी अंतर्राज्यीय मुद्दों पर समन्वय के तहत बैठक कर चुके हैं. तब भी सिंचाई परियोजनओं को लेकर चर्चा हुई थी. अब इस मामले में दोनों राज्यों के बड़े अधिकारियों के बीच बातचीत होने वाली है. माना जा रहा है कि बातचीत के बाद आगे की बैठकों पर सहमति बनेगी और दोनों राज्यों के बीच इन मुद्दों पर सहमति बनाई जाएगी. 

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