MP News: मध्य प्रदेश में चीतों को बसाने वाले चीता प्रोजेक्ट पर सवाल खड़े होने लगे हैं. 5 महीने पहले गांधी सागर सेंचुरी में चीतों की सुरक्षा के लिए बनी दीवार ढह गई है. अब इस मामले में पूर्व BJP विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने पत्र लिखकर जांच की मांग की है.
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Gandhi Sagar Wildlife Sanctuary Security Wall Collapsed: मध्य प्रदेश के गांधी सागर सेंचुरी में चीतों के बसने से पहले ही वहां की पोल खुल गई है. इस पोल ने चीता प्रोजेक्ट पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. पांच महीने पहले सेंचुरी में चीतों की सुरक्षा के लिए बनी दीवार ढह गई है. तेज बारिश के कारण सेंचुरी में कई स्थानों पर लगाई गई फेंसिंग गिर गई है. इस बात की जानकारी मिलते ही पूर्व BJP विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने वन मंत्री को पत्र लिखा है और गुणवत्ता की जांच कराने की मांग की है.
30 करोड़ की लागत से बनी थी फेंसिंग
गांधी सागर सेंचुरी में चीतों की सुरक्षा के लिए 64 वर्ग KM के बाड़े में मेटल फेंसिंग की गई थी. ये फेंसिंग तेज बहाव के कारण अब गिर गई है. जानकारी के मुताबिक पांच महीने पहले करीब 30 करोड़ की लागत से ये फेंसिंग की गई थी.
पूर्व विधायक ने लिखा पत्र
सेंचुरी में दीवार ढहने की बात सामने आने के बाद अब पूर्व विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने वन मंत्री राम निवास रावत के नाम पत्र लिखा है. उन्होंने लिखा- 'विषयान्तर्गत अनुरोध है कि मंदसौर जिले के गांधीसागर वन अभ्यारण क्षेत्र को अनुकूलता के मापदंडो के अनुसार चीता प्रोजेक्ट के अंतर्गत चयनित किया गया है, विभाग ने इस प्रोजेक्ट को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी तथा आप स्वयं के निर्देशों के तहत प्रोजेक्ट पर कार्य किया है.'
भय की स्थिति निर्मित हो जाती
उन्होंने पत्र में आगे लिखा- 'दिनांक 27 जुलाई 2024 को पहली बारिश में निर्मित हुये बाड़े की जालियां तथा पील्लर क्षतिग्रस्त हो गए हैं जबकि भारत सरकार तथा राज्य सरकार करोड़ों रुपए की राशि इस प्रोजेक्ट पर खर्च करने जा रही है, कल्पना करें कि यदि बाड़े में चीते होते और यह घटना जालियों के टूटने की हो जाती तो जनहानि एवं नागरिकों के मन मस्तिष्क मे डर एवं भय की स्थिति निर्मित हो जाती. कल ही मुख्यमंत्री जी ने आपकी उपस्थिति मे इस प्रोजेक्ट को लेकर मीडिया मे वक्तव्य दिया था, शासन की मंशा स्पष्ट है कि यह प्रोजेक्ट जल्द ही मूर्तरूप लेगा.'
किया अनुरोध
पूर्व विधायक ने वन मंत्री से अनुरोध करते हुए लिखा- 'अतः आपसे अनुरोध है कि किए गए निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर कोई समझौता ना हो तथा निर्माण कार्य के क्षतिग्रस्त होने पर उसकी जांच किए जाने के आदेश प्रदान करें, ताकि भविष्य मे कार्य की गुणवत्ता का ध्यान रखा जाकर जिम्मेदार अधिकारियों की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाए. '
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बता दें कि गांधी सागर सेंचुरी में अक्टूबर से दिसंबर के बीच चीतों की शिफ्टिंग भी शुरू होने वाली है. उससे पहले ऐसी घटना कई बड़े सवाल खड़े कर रही है.
इनपुट- भोपाल से प्रमोद शर्मा की रिपोर्ट, ZEE मीडिया