MP News: मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां दो बेटे ने अपने पिता के शव को दो दिनों तक घर में ही रखा. बदबू आने पर जब पड़ोसियों ने शिकायत की तो पुलिस के दखल देने के बाद अंतिम संस्कार के लिए माने. जानें क्या है पूरा मामला-
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Gwalior News: ग्वालियर जिले में दो बेटों ने सिर्फ इस आस में अपने पिता का अंतिम संस्कार नहीं किया कि वे दोबारा जिंदा होंगे. बेटों ने दो दिनों तक शव को घर में ही रखा. रिश्तेदारों और पड़ोसियों के लाख समझाने के बाद भी वे नहीं माने. दो दिन बाद जब शव से बदबू आने लगी तो पड़ोसियों ने पुलिस से शिकायत की. इसके बाद पुलिस ने दखल देते हुए बेटों को चेतावनी दी और अंतिम संस्कार कराया.
जानें पूरा मामला
मामला ग्वालियर जिले के डबरा का है. यहां 1 अगस्त को रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी की मौत हो गई थी. उनकी उम्र 80 साल थी. सरकारी कर्मचारी के निधन की खबर मिलने के बाद पड़ोसियों और रिश्तेदारों ने उनके दोनों बेटों से अंतिम संस्कार के लिए कहा, लेकिन दोनों ने इंकार कर दिया.
शव से आने लगी बदबू
दोनों ने बेटों ने अंतिम संस्कार से मना करने के बाद शव को घर में रख लिया. दो दिन बाद जब शव से बदबू आने लगी तो पड़ोसियों ने इस बात की जानकारी पुलिस को दी. मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची.
पुलिस ने दी चेतावनी
पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों ने मृतक के बेटों को अंतिम संस्कार के लिए काफी बार कहा लेकिन दोनों नहीं माने. इस पर पुलिस ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उन्होंने अंतिम संस्कार नहीं किया तो पुलिस ये काम करेगी. इस सख्ती और चेतावनी के बाद दोनों बेटे माने और अंतिम संस्कार किया गया.
दोबारा जिंदा होने की थी आस
एक लोकल ऑनलाइन मीडिया वेबसाइट के मुताबिक दोनों बेटों को अपने पिता के निधन के बाद भी दोबारा जिंदा होने की आस थी. बेटों की उम्मीथ थी की उनके पिता दोबारा जिंदा हो जाएंगे. यही कारण है कि वे अपने पिता का अंतिम संस्कार नहीं कर रहे थे.
इस मामले पर डबरा थाना के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पुलिस के हस्तक्षेप और समझाइश के बाद दोनों बेटों ने मृतक का अंतिम संस्कार कर दिया है. इस मामले की जानकारी उनके पड़ोसियों को दी थी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को सुलझाया.