International Year of Millets: वर्ष 2023 को संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nations organisation)ने मिलेट्स ईयर घोषित किया है. इसके बाद भारत देश में चारों तरफ मिलेट्स की चर्चा हो रही है. ऐसे में दशकों से मिलेट्स बीज बैंक चलाने वाली एमपी (madhya pradesh) की लहरी बाई की पीएम मोदी (pm modi) ने तारीफ की है.
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Lahari bai: एमपी (madhya pradesh) की डिंडोरी जिले की रहने वाली लहरी बाई (lahari bai)इन दिनों सुर्खियों में बनी हुई है. उन्हे मिलेट्स ऑफ द् ई घोषित किया गया है. इसके अलावा लहरी बाई को मिलेट्स का ब्रांड एंबेसडर (brand ambassador) भी घोषित किया गया है. पीएम मोदी भी उनकी तारीफ (Praise) की है. पीएम ने कहा कि लहरी बाई श्री अन्न के क्षेत्र में बेहतरीन काम किया है. उनके प्रयास दूसरों को भी प्रेरणा (Inspiration) देता हैं. लहरी बाई एक आदिवासी महिला है जिन्होने अपने घर में मिलेट्स का बीज बैंक बनाया है जिसमें करीब 25 प्रकार के बीज हैं.
कौन हैं लहरी बाई
27 वर्षीय लहरी बाई मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले की बजाग विकासखंड के सिलपीड़ी गांव की रहने वाली हैं और करीब एक दशक से मिलेट्स का बैंक चला रही हैं. इस बैंक में वो करीब 30 तरह के विलुप्त मिलेट्स के बीज तैयार की हैं. ये बीज अपने कच्चे आवास के कमरे में ये बनाती हैं. बीज बनाकर ये आस पास के गांव वालों को अनाज के बदले उपलब्ध कराती हैं. इनके बैंक में कई ऐसे बीज हैं जो खेतों से भी गायब हो गए है.
पूर्वजों से मिली जानकारी
लहरी बाई कहती हैं की मिलेट्स जानकारी उन्हे पूर्वजों के द्वारा मिली. उन्होंने बताया कि बचपन में उनके पूर्वजों ने उन्हे बेवर खेती करना और बीज सहेजना सिखाया. उनका कहना है कि बेवर बीज से उत्पन्न होने वाले अनाज काफी ज्यादा पौष्टिक होते हैं. इसकी वजह से लहरी बाई ने अपने खेत में धान और कोदो की फसल के साथ-साथ सामुदायिक अधिकार वाले जंगल की जमीन में पारंपरिक खेती में इस्तेमाल करने वाले बीजों को सहेजने का काम किया और उन्होंने अपनी मेहनत और लगन की बदौलत ये मुकाम हासिल किया.
इसलिए चर्चा में है मिलेट्स
मिलेट्स यानी मोटा अनाज इसे सुपर फूड भी कहा जाता है. क्योंकि ये पोषक तत्वों का खजाना है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान संसद में इसे 'श्रीअन्न' कहा और इसके उत्पादन को बढ़ाने पर जोर दिया. इसके अलावा आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस साल को मिलेट्स ईयर घोषित किया है. ऐसा कहा जा रहा है कि भारत दुनिया में मिलेट्स की अगुवाई कर सकता है.
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