4 पीढ़ियों से रावण का पुतला बना रहा ये मुस्लिम परिवार, त्योहार पर दिया संदेश- दशहरा पर दें बुराई को मात
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4 पीढ़ियों से रावण का पुतला बना रहा ये मुस्लिम परिवार, त्योहार पर दिया संदेश- दशहरा पर दें बुराई को मात

Muslim Family Making Rawan Statue: नीमच के इकराम शेख अपने परिवार के साथ पिछले 40 सालों से रावण का पुतला बना रहे है.

पिछले 40 सालों से इकराम शेख का परिवार रावण का पुतला बना रहा है

प्रीतेश सारडा/नीमचः Muslim Family Making Rawan Statue: मध्य प्रदेश के नीमच जिले में हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल सामने आई. यहां एक मुस्लिम परिवार पिछले कई सालों से हिंदू पौराणिक कथाओं में उल्लेखित रावण के पुतले को बना रहा है. शहर के इकराम शेख का कहना है कि वे 4 दशकों से रावण बना रहे हैं, वहीं उनके परिवार द्वारा यह काम पिछली चार पीढ़ियों से किया जा रहा है. 

40 सालों से बना रहे रावण का पुतला
नीमच सिटी में रहने वाले इकराम शेख का परिवार पिछले 40 सालों से रावण के पुतले बनाने का काम कर रहा है. 15 लोगों का उनका परिवार इस बार भी पिछले 15 दिनों से अपने हाथों से ही रावण के पुतले को तैयार कर रहा है. हर साल इस परिवार के द्वारा ही शहर में रावण के पुतले को बनाने का काम किया जाता है. दशहरा उत्सव समिति ने इस बार भी रावण बनाने का काम इसी परिवार को दिया है. 

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'परिवार ने रावण को बताया बुराई का प्रतीक'
शहर के इन कारीगरों का कहना है कि रावण एक बुराई का प्रतीक था, जिसे मार कर प्रभु श्रीराम ने बुराई पर अच्छाई की जीत हासिल की थी. बिल्कुल इसी तरह क्यों न सभी लोग अपने अंदर की बुराइयों को खत्म करते हुए मर्यादा पुरुषोत्तम राम के पथ पर चलने की कोशिश करें. उन्होंने कहा कि समाज में संदेश देने के लिए पहले खुद ही शुरुआत करते हुए अपने अंदर की बुराइयों को खत्म करना चाहिए. 

चार पीढ़ियों से बना रहे रावण
कारीगर इकराम का कहना है कि उनके परिवार में पिछले चार पीढ़ियों से रावण बनाने का काम किया जा रहा है. उन्हें यह काम करना अच्छा लगता है. उन्होंने कहा कि वह पहले 41 फीट का रावण और 31-31 फीट के मेघनाथ और कुंभकरण बनाते थे. लेकिन पिछले दो सालों से कोरोना के कारण वह 21 फीट का रावण ही बना रहे हैं. इस बार का 21 फीट का रावण भी उनके द्वारा ही बनाया गया. 

इकराम ने बताया कि नीमच के अलावा वह जीरन, मनासा और आसपास के कई क्षेत्रों में भी दशहरे पर रावण बनाने का काम करते हैं. इस काम में उनके परिवार के छोटे-बड़े सभी लोग सहयोग करते हैं. 

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