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भोपाल: मध्यप्रदेश में इस साल विधानसभा का चुनाव होना है. इसके चलते कर्मचारी सरकार पर अपनी मांगे मनवाने के लिए दवाब बना रहे हैं. इसी कड़ी में आज यानी 16 अप्रैल को पुरानी पेंशन बहाली (Old Pension scheme) के मुद्दे पर कर्मचारी एक बार फिर सड़क पर उतरने वाले हैं. इसे लेकर प्रदेशभर में बड़े आंदोलन की तैयारी की है. वहीं कांग्रेस ने इन कर्मचारियों का खुलेआम समर्थन कर, बड़ी घोषणा भी कर दी है.
बता दें कि कर्मचारियों के इस आंदोलन को कांग्रेस ने अपना समर्थन दिया है. खुद पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा है कि मैं आंदोलन का पूरी तरह से समर्थन करता हूं.
नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) कल 16 अप्रैल 2023 को मध्य प्रदेश में जिला मुख्यालयों पर संवैधानिक रैली का आयोजन कर रहा है।
मैं इस आंदोलन का पूरी तरह समर्थन करता हूं। और यह घोषणा दोहराता हूं कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की जाएगी।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) April 15, 2023
पूर्व सीएम कमल नाथ ने ट्वीट कर लिखा
नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) कल 16 अप्रैल 2023 को मध्य प्रदेश में जिला मुख्यालयों पर संवैधानिक रैली का आयोजन कर रहा है. मैं इस आंदोलन का पूरी तरह समर्थन करता हूं. और यह घोषणा दोहराता हूं कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की जाएगी.
प्रदेश के कर्मचारी संगठन भी शामिल
पुरानी पेंशन बहाली राष्टीय आंदोलन संगठन (NMOPS) आज प्रदेशभर में इसे लेकर आंदोलन करने वाला है.. इस आंदोलन में कई संगठन शामिल हैं. अब चुनाव से पहले वे भी प्रदेशभर में बड़ा आंदोलन करने की रणनीति बना रहे हैं. भोपाल में मंत्रालय के कर्मचारी सीएम, मुख्य सचिव, GAD अपर मुख्य सचिव को ज्ञापन भी सौपेंगे.
जानिए क्या है पुरानी और नई पेंशन स्कीम में अंतर
पुरानी पेंशन योजना (OPS)में कर्मचारी की सैलरी से कोई कटौती नहीं होती थी. वहीं नई पेंशन स्कीम में कर्मचारी की सैलरी से 10 फीसदी की कटौती की जाती है. साथ ही 14 फीसदी हिस्सा सरकार मिलाती है.
पुरानी पेंशन योजना में रिटायर्ड कर्मचारियों को सरकारी कोष से पेंशन का भुगतान किया जाता था. वहीं नई पेंशन योजना शेयर बाजार आधारित है और इसका भुगतान बाजार पर निर्भर करता है.
पुरानी पेंशन योजना में जीपीएफ (General Provident Fund) की सुविधा होती थी लेकिन नई स्कीम में जीपीएफ की सुविधा नहीं है.
पुरानी पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट के समय की सैलरी की करीब आधी राशि पेंशन के रूप में मिलती थी. जबकि नई पेंशन स्कीम में निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है.