एक बार फिर बीजेपी नेता ने किया आदिवासियों का अपमान, अर्धनग्न प्रदर्शन करने की दी गई चेतावनी
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एक बार फिर बीजेपी नेता ने किया आदिवासियों का अपमान, अर्धनग्न प्रदर्शन करने की दी गई चेतावनी

Chhindwara News: मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से भाजपा नेता द्वारा अपमानित करने का मामला सामने आया है. पीड़ित ने जब इस मामले की शिकायत चौरई पुलिस थाना में दी तो पुलिस ने पहले शिकायत लेने से इनकार कर दिया. 

 

एक बार फिर बीजेपी नेता ने किया आदिवासियों का अपमान, अर्धनग्न प्रदर्शन करने की दी गई चेतावनी

सचिन गुप्ता/छिंदवाड़ा: भाजपा पार्टी के नेता आदिवासियों के अपमान में कोई कसर नहीं छोड़ रहे. इतना ही नहीं अपमानित करने के बाद जब मामला पुलिस तक पहुंच रहा है तो आरोपी को बचाने के लिए पुलिस पर दबाव बना रहे हैं, या फिर तरह-तरह के षड्यंत्र रचे जा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला छिंदवाड़ा जिले के चौरई ब्लॉक से सामने आया है. जहां एक आदिवासी की शिकायत पर पुलिस अपराध दर्ज करने से लगातार बच रही थी. जब आदिवासी समाज के लोगों द्वारा अर्धनग्न प्रदर्शन किया गया तब पुलिस हरकत में आई.

भाजपा नेता ने की मारपीट
दरअसल, छिंदवाड़ा जिले के चौरई ब्लॉक अंतर्गत आने वाले ग्राम हरदुआमाल निवासी विजय उर्फ पप्पू शिक्षक है और आदिवासी समाज के पंडा भी है. आदिवासी समाज के ख्याति प्राप्त पंड़ा विजय ग्राम हरदुआमाल स्थित मंदिर में पूजा अर्चना करने के लिए 29 जून को पहुंचे थे. उन्हें पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष भाजपा ग्रामीण मंडल के अध्यक्ष बबलू रघुवंशी ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर मारपीट की साथ ही अपशब्द कहते हुए आदिवासी समाज को अपमानित किया.

आक्रोशित लोगों ने अधिकारी को सौंपा ज्ञापन 
पीड़ित ने जब इस मामले की लिखित शिकायत चौरई पुलिस थाना में दी तो पुलिस ने पहले शिकायत लेने से इनकार कर दिया. किसी तरह शिकायत ली तो अपराध दर्ज करने से पहले जांच का हवाला दिया. आदिवासी समाज को अपमानित करने और पंडा के साथ मारपीट के आरोपी पर अपराध कायम नहीं हुआ तो आक्रोशित सामाजिक लोगों ने उग्र प्रदर्शन कर चौरई में सक्षम अधिकारी को ज्ञापन सौंपा. इसके बाद भी कार्रवाई नहीं हुई तो सामाजिक संगठन के लोगों ने अर्धनग्न प्रदर्शन कर विरोध जताएंगे.

आरोपी को बचाने में जुटी भाजपा
इस पूरे मामले में जब अपराध कायम करने की स्थिति में पुलिस पहुंची तो भाजपा जिला अध्यक्ष विवेक बंटी साहू सहित जिले के अन्य नेताओं ने कलेक्टर से जांच की मांग की. जांच के उपरांत आदिवासी की शिकायत पर अपराध कायम करने में पुलिस को 20 दिन लग गए. इससे प्रकरण से अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की क्या स्थिति है. और पुलिस कितनी निष्पक्ष होकर कार्रवाई कर रही है. एक ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आदिवासियों के पैर धुला रहे हैं तो दूसरी तरफ भाजपा के नेताओं द्वारा आदिवासियों पर अत्याचार जारी है.

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