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International Museum Day 2023: सफाई ही नहीं इतिहास को भी संजोय रखने में इंदौरवासी आगे, जानें आजादी के पहले के इस म्यूजियम की हिस्ट्री

Central Museum Indore: हर साल 18 मई का दिन इंटरनेशनल म्यूजियम डे के रूप में मनाया जाता है. ऐसे में आज हम आपको इंदौर के केंद्रीय संग्रहालय के बारे में बताएंगे, जहां आपको एक बार जरूर घूमने जाना चाहिए.

 

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हर साल 18 मई को दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय संग्राहलय दिवस मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य भारतीय सभ्यताओं को संभाल कर रखना है. इस दिन म्यूजियम के महत्व को लेकर प्रचार-प्रसार किया जाता है, ताकि आज के लोग इसकी अहमियत को समझ सकें.

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भारत को प्राचीन सभ्यताओं का देश कहा जाता है. भारत की मिट्टी में जहां खोदाई होती है, वहां से कोई न कोई प्राचीन मूर्ति निकल आते हैं. उन्हीं प्राचीन मूर्तियों को संभाल के रखने के लिए संग्रहालय का निर्माण किया जाता है. ऐसे में मध्यप्रदेश के इंदौर शहर का केंद्रीय संग्रहालय अपनी अलग पहचान रखता है. यहां आपको प्राचीन काल की कई मूर्तियां देखने को मिल सकती हैं.

 

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इंदौर शहर अपने गौरवशाली इतिहास, रहन-सहन और जायके के लिए जाना जाता है. स्वच्छता से लेकर हर मामले में इंदौर और शहरों की अपेक्षा काफी आगे है. बात यहां के सेंट्रल म्यूजियम की करें तो इंदौर का सेंट्रल म्यूजियम मूर्तियों के बारे में जानकारियां प्राप्त करने के लिए भी काफी बेस्ट जगह है.

 

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इंदौर में केंद्रीय संग्रहालय की स्थापना 29 नवंबर 1923 को हुई थी. इसके बाद 01 अक्टूबर 1929 को कृष्णपुरा स्थित देवलालीकर कला वीथिका भवन में यह संग्रहालय प्रारंभ हुआ. यहां कई सारी पुरानी मूर्तियां है जिसे देखने लोग दूर-दूर से आते हैं. संग्रहालय स्थापित होने के बाद साल 1975 में सिक्कों की गैलरी का निर्माण किया गया.

 

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वर्तमान में यहां छोटी-बड़ी कुल 350 मूर्तियां प्रदर्शित की जा रही हैं. सभी मूर्तियों की अपनी एक अलग पहचान है. यहां आपको सिंधु घाटी सभ्यता के अवशेष, हिंगलाजगढ़ की परमार कालीन प्रतिमाएं और होलकरकालीन मुद्राएं देखने को मिल जाएगी. 

 

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यहां रखी प्रत्येक मूर्तियों का अपना अलग इतिहास है, जिसे देखने और समझने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. यहां मौजूद पत्थर भी लोगों के आकर्षण का केंद्र हैं. रिपोर्ट के मुताबिक यहां मौजूद कुछ पत्थरों को मंदसौर के हिंलाजगढ़ से लाया गया था जिसे बाद में म्यूजियम में सजाया गया. 

 

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मूर्तियों के अलावा यहां कई प्रकार के हथियार भी रखे गए हैं, जो देखने में काफी कमाल के लगते हैं. कहा जाता है कि इंदौर संग्रहालय में रखी इन मूर्तियों की उत्पत्ति इंदौर में ही हुई थी.

 

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अगर आप भी इंदौर म्यूजियम घूमने का प्लान बना रहे है तो जरूर जाएं. वहां जाकर आपको बहुत अच्छा लगेगा. संग्रहालय में एंट्री के टिकट की बात करें तो म्यूजियम में एंट्री करने के लिए जहां भारतीय नागरिकों को 10 रुपये चुकाने होंगे. वहीं विदेशी लोगों को 100 रुपये देने होते हैं. 15 साल से कम उम्र के बच्चों और दिव्यांग लोगों की एंट्री टिकट नहीं लगती है. इसके अलावा फोटोग्राफी के लिए 50 रुपये और वीडियो ग्राफी के लिए 200 रुपये देने होते हैं.