Mahakal Corridor: उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर विस्तार हो रहा है. पहले चरण का काम लगभग पूरा हो गया है. नवंबर माह में पहले चरण के कार्यों का लोकार्पण करने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौरा कार्यक्रम प्रस्तावित है. इस पूरे कार्य में दोनों चरणों को 702 करोड़ की लागत हो किया जा रहा है. यहां देखें पहले और अब की कुछ तस्वीरें
पहले चरण में मंदिर परिसर में 10 कार्यों का उद्धाटन होगा. इसमें 1- महाकालेश्वर वाटिका, 2- शिव अवतार वाटिका, 3- महाकालेश्वर मार्ग (कॉरिडोर), 4- अर्थपथ क्षेत्र, 5- रूद्र सागर तट विकास, 6- नूतन विद्यालय परिसर, 7- गणेश विद्यालय परिसर 8- पार्किंग, धर्मशाला, प्रवचन हाल व अन्नक्षेत्र के विकास कार्य व अन्य शामिल है. जिसका पीएम लोकार्पण करने वाले है.
दो चरणों में हो रहा है मंदिर का विकास- मंदिर को 2.4 हेक्टर से 35 हेक्टर में किया जा रहा तब्दील- 702 करोड़ की स्वीकृति के साथ मंदिर को 2.4 हेक्टर से 35 हेक्टर में आने वाले 100 वर्षों के प्लान अनुसार 2.5 वर्ष में बना कर तैयार किया जाने की योजना है. मंदिर समिति व प्रदेश सरकार का मुख्य उद्देश्य आस्था के साथ पर्यटन और रोजगार बढ़ावा देना है. बात दूसरे चरण की करें तो कार्य मई-जून 2023 में पूरा करने का लक्ष्य है. जो 400 करोड़ की लागत का होगा. इसमें महाराजवाड़ा परिसर का विकास, रूद्र सागर का जीर्णोद्धार, छोटा रूद्र सागर तट का विकास, रामघाट का सौन्दर्यीकरण, पार्किंग, पर्यटन सूचना केन्द्र, हरिफाटक पुल का चौड़ीकरण, रेलवे अण्डरपास, रूद्र सागर पैदल पुल, महाकाल द्वार, प्राचीन मार्गो का जीर्णोद्धार, बेगमबाग मार्ग का विकास, रूद्र सागर पश्चिमी मार्ग का विकास और महाकाल पहुंच मार्ग का विकास किया जायेगा.
इन 6 घटकों में किया जाएगा विकास 1- शहनाई द्वार के सामने वेटिंग हाल का निर्माण, नंदी हाल का विस्तार एवं महाराजवाड़ा सम्मिलन,रुद्र सागर शिखर दर्शन, विशेष तथा आपातकालीन अतिरिक्त प्रवेश व निर्गम व्यवस्था, विजिटर फैसिलिटी सेंटर 2 का विकास व नागचंद्रेश्वर मंदिर दर्शन सेतु.
2- शहनाई द्वारा के सामने की भूमि का अधिग्रहण कर महाकाल वन व वेटिंग हाल का निर्माण किया जाना है जो दो भागों में विकसित ह्योग ऊपरी व निचला हिस्सा, ऊपरी पुराने पूजनीय वृक्षो का संरक्षण करते हुए महाकाल वट का विकास किया जाएगा. वहीं निचले हिस्से में पुलिस कंट्रोल रूम, प्रोटोकॉल आफिस, LED स्क्रीन व लाइट्स होंगी, वहीं महाकालेश्वर परिसर के विकास के लिए मैटरनिटी हॉस्पिटल, कंट्रोल रूम, व्यायामशाला को हटाया जाना प्रस्तावित है.
3- श्रद्धालु सीधा महाकालेश्वर वन से निचले हिस्से में बने वेटिंग हॉल में आयंगे. ये वेटिंग हॉल ग्रीन बिल्डिंग कांसेप्ट के साथ श्रद्धाकुओं को हर मौसम में सुविधा देगा. नंदी परिसर को पूर्व दिशा में विस्तार कर महाराजवाड़ा से जोड़ा जाएगा. महाराजवाड़ा उज्जैन के हेरीटेज धर्म स्थल के रूप में विस्तार किया जाना है. महाराजवाड़ा परिसर के आस पास बने पुलिस स्टेशन, दुकानों को हटाकर महाराजवाड़ा का विस्तार किया जाएगा.
4- मंदिर के रुद्र सागर शिखर दर्शन में बाधित उत्तर पश्चिम में धर्मशाला व प्रवर्चन हॉल को विस्थापित कर आकर्षक व सुनियोजित बगीचे के विकास किया जाएगा. यहां आपातकालीन परिस्थियों के लिए प्रवेश व निर्गम द्वारा का भी प्रावधान रहेगा. आगंतुक श्रद्धालुयों के भोजन की व्यवस्था पुराने अन्न क्षेत्र को हटा कर पार्किंग के यहां नए अन्न क्षेत्र के रूप में दी जाना है.
5- मंदिर विकास में अन्य घटक में सर्वसुविधा युक्त विजिटर फैसेलिटी में टॉयलेट, मोबाइल लाकर, क्लॉक रूम शामिल है. यहीं से भक्त विजिटर फैसिलिटी सेंटर से होते हुए नंदी हॉल में पहुचंगे.
6- साल में एक बार दर्शन देने वाले नागचंद्रेश्वर मंदिर में सेतु निर्माण किया जाना है. मंदिर की भव्यता को ध्यान में रखते हुए आकर्षक लाइटिंग इफ़ेक्ट भी लगाए जाएंगे. राम घाट पहुंचे मार्ग, महाकालेश्वर घाटी सबको एक स्वरूप में बदला जाना है. 24 खंबा से महाराजवाड़ा प्लाजा को जोड़ने वाले ऐतिहासिक महाकल द्वारा को पुराने स्वरूप में बदला जाएगा. 24 खम्बा, राम घाट,हरसिद्धि चौराहा को व्यवस्तिथ किया जाना है. शिप्रा नदी कब राम घाट पर फसाद ट्रीटमेंट व छतरी निर्माण किया जाना है.
CISF करेगी श्रद्धालुओं की सुरक्षा गृह मंत्रालय ने दी स्वीकृति- 28 जनवरी 2022 को जब सीएम शिवराज ने दूसरी बार प्रेजेंटेशन देखा था. तब उज्जैन आलोट संसदीय क्षेत्र से सांसद अनिल फिरोजिया ने कहा था की मंदिर क्षेत्र संवेदनशील क्षेत्रों में से एक है. ऐसे में मंदिर की सुरक्षा के लिए CISF की तैनाती के लिए गृह मंत्रालय की स्वीकृति मिल चुकी है. बता दें 12 जनवरी 2021 को उज्जैन पहुंचे सीएम ने मंदिर के विकास कार्यों का पहली बार प्रेजेंटेशन देखा था. इसके बाद उन्होंने पीएम मोदी को दिल्ली जाकर आमंत्रित किया था.
मंदिर विस्तारीकरण के लिए अक्षरधाम, अयोध्या, वाराणसी जा चुकी है टीम- कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया था कि मंदिर विस्तारिकण के कार्यों को बेहतर करने के लिए एक टीम दिल्ली के अक्षरधाम,अयोध्या, वाराणसी हमने भेजी गई थी और कार्यो को प्रदेश के भोपाल, उज्जैन सहित गुजरात, राजस्थान की कंपनीयां पूरा कर रही है.
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