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नागपंचमी 2024: आधी रात खुले नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट, जानें क्या है साल में सिर्फ 24 घंटे दर्शन का रहस्य

Nagchandreshwar Temple: उज्जैन स्थित बाबा महाकाल के धाम में विराजमान नागचंद्रेश्वर देव मंदिर के कपाट एक साल बाद गुरुवार को आधी रात 12 बजे खुल गए हैं. भगवान नागचंद्रेश्वर का मंदिर सिर्फ एक दिन के लिए नाग पंचमी पर ही खुलता है. जानिए इस मंदिर की विशेषता और रहस्यमय इतिहास. 

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Nagchandreshwar Temple Open on Nag Panchmi: उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर धाम में विराजमान नागचंद्रेश्वर देव मंदिर के पट एक साल बाद फिर खुल गए हैं. नाग पंचमी के मौके पर गुरुवार रात 12 बजे बाबा महाकाल के धाम में शिखर के तीसरे खंड में विराजमान नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट खोले गए. यहां विराजमान नागचंद्रेश्वर देव 24 घंटे तक भक्तों को दर्शन देते हैं. साल में एक बार सिर्फ 24 घंटे के लिए खुलने वाले इस मंदिर के बारे में जानिए. 

नागचंद्रेश्वर मंदिर

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नागचंद्रेश्वर मंदिर

उज्जैन स्थित बाबा महाकाल धाम शिखर के तीसरे खंड में विराजित नागचंद्रेश्वर देव साल में सिर्फ एक बार भक्तों को दर्शन देते हैं. नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट हर साल नागपंचमी के मौके पर सिर्फ 24 घंटे के लिए खुलते हैं. नाग देव के दर्शन के लिए हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु उज्जैन पहुंचते हैं.

 

नाग पंचमी 2024

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नाग पंचमी 2024

हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल नाग पंचमी 9 अगस्त को मनाई जाएगी. ऐसे में मंदिर के पट आज रात 12 बजे पट खोले जाएंगे. मंदिर के पट 9 अगस्त की रात 12 बजे तक खुले रहेंगे. इस बार नाग पंचमी पर नाग देव के दर्शन के लिए 10 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है. 

शीघ्र दर्शन सुविधा

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शीघ्र दर्शन सुविधा

इस बार नागचेंद्रेश्वर मंदिर में भक्तों के लिए शीघ्र दर्शन सुविधा भी रहेगी. इसके लिए भक्त ऑनलाइन दर्शन टिकट बुक कर सकते हैं. भक्तों के लिए ये सुविधा भी निशुल्क रहेगी. बड़ी संख्या आने वाले श्रद्धालुओं को ध्यान में रखते हुए पुलिस एवं प्रशासन की ओर से तैयारीयां पूरी कर ली गई हैं.

 

क्या है मंदिर का इतिहास

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क्या है मंदिर का इतिहास

मान्यता है कि सर्पों के राजा तक्षक ने भोलेनाथ को प्रसन्न करने  लिए घोर तपस्या की थी. इससे प्रसन्न होकर भोलेनाथ ने उन्हें अमरत्व का वदान दिया था. इसके बाद नाग देवता ने शिवजी के साथ एक साथ एकांत में वास करने का फैसला किया. इसके बाद से यह मंदिर नाग देवता की पूजा के लिए प्रसिद्ध है.  आपको बता दें कि सालों से इस मंदिर की यही परंपरा रही है कि एक दिन के लिए यह मंदिर खुलता है. 

क्यों साल में एक बार खुलता है मंदिर?

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क्यों साल में एक बार खुलता है मंदिर?

मान्यता है कि नाग देवता ने यह भी इच्छा जाहिर की थी कि महाकाल वन में वास करते हुए उनके एकांत में कोई विघ्न न हो. यही कारण है कि यह मंदिर साल भर बंद रहता है और सिर्फ नाग पंचमी के दिन खुलता है. 

हो गई पूरी तैयारियां

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हो गई पूरी तैयारियां

बता दें कि मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है.  भगवान महाकाल और भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए अलग-अलग लाइन लगेगी. वहीं, पार्किंग के पास जूता स्टैंड होगा. यहीं से भक्तों को मंदिर के लिए निशुल्क बस मिलेगी.