Teacher's Day 2022: हमारे देश में गुरु का बहुत महत्व माना जाता है और माना भी क्यों ना जाए, गुरु के कारण ही तो हम जिंदगी में आगे बढ़ पाते हैं.
कबीर ने गुरू की जिंदगी में महत्वता को लेकर कहा था, गुरु गोविन्द दोऊ खड़े , काके लागू पाय| बलिहारी गुरु आपने , गोविन्द दियो बताय||. तो चलिए आज गुरु पूर्णिमा के मौके पर हम आपको राज्य के वरिष्ठ नेताओं के राजनीतिक गुरु या उन्हें राजनीति में लाने वाले लोगों के बारे में बताते हैं.
सीएम शिवराज सिंह चौहान के राजनीतिक गुरु पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा थे. बता दें कि सुंदरलाल पटवा कहा करते थे कि सीएम शिवराज का व्यक्तित्व कुशल प्रशासक का है. साथ ही सीएम शिवराज सिंह चौहान की प्रशंसा करते हुए कहते थे कि उन्होंने राज्य में विकास उपलब्धियों का एक नया इतिहास बनाया है.
छिंदवाड़ा से कई बार सांसद रहे, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ गांधी परिवार के लिए बेहद खास माने जाते हैं. साथ ही कमलनाथ के करियर में अर्जुन सिंह की भी खास भूमिका रही है. कमलनाथ ने रीवा में एक सभा में अर्जुन सिंह को अपना राजनीतिक गुरु बताया था और कहा था कि उनके मार्गदर्शन में वह पहली बार केंद्र सरकार की कैबिनेट में शामिल हुए थे.
मध्य प्रदेश के वरिष्ठ नेता और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के राजनीतिक सफर की शुरुआत छात्र राजनीति से हुई थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नरेंद्र सिंह तोमर की सफलता में धीर सिंह तोमर की बड़ी भूमिका है क्योंकि उन्होंने नरेंद्र सिंह तोमर को राजनीति में लाया था. जिसके बाद नरेंद्र सिंह तोमर ने एसएलपी कॉलेज के अध्यक्ष के लिए अपना पहला चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी.
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह दिग्गज कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के राजनीतिक गुरु थे. माना जाता है कि अर्जुन सिंह समर्थन के कारण ही दिग्विजय सिंह प्रदेश के सीएम बन पाए थे. अपने गुरू को याद करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा था कि अर्जुन सिंह मेरे राजनीतिक गुरु रहे हैं. मैंने अपने राजनीतिक जीवन में जो कुछ भी हासिल किया है, उसमें उनका बहुत योगदान है. उन्होंने हमेशा मुझे बहुत स्नेह दिया था.
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