Ahoi Ashtami Kab 2024: अहोई अष्टमी कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है. इस दिन माताएं अपनी संतान की दीर्घायु और खुशहाली के लिए व्रत रखती हैं. यह व्रत निर्जल होता है और रात में तारे देखने के बाद तोड़ा जाता है. आइए जानते हैं व्रत की सही तिथि, पूजा मुहूर्त और तारे देखने के बाद व्रत तोड़ने का कारण.
संतान की लंबी आयु और समृद्धि के लिए रखा जाने वाला अहोई अष्टमी व्रत शाम को तारों को अर्घ्य देकर तोड़ा जाता है. आइए एस्ट्रोलॉजर डॉ.रुचिका अरोड़ा से जानते हैं कि शाम को तारों को अर्घ्य देकर व्रत क्यों तोड़ा जाता है.
अहोई अष्टमी 24 अक्टूबर 2024, गुरुवार को है.इसे अहोई आठें के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन माता अहोई के साथ स्याही माता की भी पूजा की जाती है.
पूजा का शुभ मुहूर्त 24 अक्टूबर 2024 को शाम 5:42 बजे से शुरू होकर शाम 6:59 बजे तक रहेगा. यह समय पूजा और अर्घ्य देने के लिए सबसे अच्छा माना गया है.
अहोई अष्टमी के दिन तारों को देखने और अर्घ्य देने की परंपरा है. ऐसा माना जाता है कि अगर अहोई अष्टमी के दिन अनगिनत तारों को देखा और उनकी पूजा की जाए तो पूजा करने से परिवार में अनगिनत संतानों की प्राप्ति होती है.
इस व्रत में माताएं पूजा के दौरान देवी पार्वती से प्रार्थना करती हैं कि जिस प्रकार आकाश में तारे सदैव चमकते रहते हैं उसी प्रकार हमारे परिवार में जन्म लेने वाले बच्चे का भविष्य भी चमकता रहे.
इसके अलावा यह भी माना जाता है कि आकाश में मौजूद सभी तारे अहोई माता के वंशज हैं. इसलिए तारों को अर्घ्य दिए बिना अहोई व्रत पूरा नहीं माना जाता है.
अहोई अष्टमी व्रत के दिन महिलाएं बिना कुछ खाए-पीए व्रत रखती हैं. इसके बाद शाम को तारों को देखकर अर्घ्य देकर व्रत खोलती हैं. मान्यता है कि अगर मां पूरी श्रद्धा से यह व्रत रखती हैं तो अहोई माता उनकी संतान को दीर्घायु और यश प्रदान करती हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ सामान्य मान्यताओं पर आधारित है. Zee News किसी भी तरह की मान्यता, सूचना की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.)
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