बीते साल मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में शुरू किए गए प्रधानमंत्री के ड्रीम चीता प्रोजेक्ट पर संकट मंडराने लगा है. अब तक कुल 8 चीतों की मौत हो चुकी है. वन विभाग को अब तक मौतों का सही कारण पता नहीं चल सका है.
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MP NEWS/अजय राठौर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के ड्रीम 'चीता प्रोजेक्ट' पर संकट मंडराता हुआ नजर आ रहा है. मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क (kuno national park) में साउथ अफ्रीका और नामीबिया से लाए गए चीते एक-एक करके दम तोड़ रहे हैं. बीते दिन साउथ अफ्रीका से लाग गए चीते सूरज की मौत हो गई है. सुबह जंगल में गश्ती दल को मृत मिला चीता सूरज.
साउथ अफ्रीका का चीता सूरज 25 जून को बड़े बाड़े से खुले जंगल में छोड़ा गया था. 11 जुलाई को नर चीते तेजस की मौत हुई थी. 18 फरवरी को साउथ नर चीता सूरज अफ्रीका से 12 चीतों के साथ आया था. कूनो में चार महीनों में अब तक 3 शावकों और 5 चीतों की मौत हो चुकी हैं. वहीं 3 दिन में दूसरे चीते की मौत है.
3 महीने में 8 चीतों की मौत
पिछले हफ्ते भी कूनो नेशनल पार्क में एक अफ्रीकी चीते की मौत हुई थी. इस चीते का नाम तेजस था. इसे इसी साल फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से श्योपुर लाया गया था. सूरज को मिलाकर अब तक कुल 8 चीतों की मौत हो चुकी है. वन संरक्षण जेएस चौहान के मुताबिक, कूनो नेशनल पार्क में 4 साल के तेजस की मौत आपसी लड़ाई के कारण हुई थी. उन्होंने कहा कि चीतों को देश में बसाने की योजना ‘प्रोजेक्ट चीता’ के तहत दक्षिण अफ्रीका से लाया गया यह चीता घटना के समय एक बाड़े में था.
क्या है चीतों की मौत की वजह?
एक अधिकारी के मुताबिक "चीते की किसी भी मौत के पीछे कोई चूक नहीं है. मई महीने तक हुई छह मौतों के बाद दक्षिण अफ्रीकी वन्यजीव विशेषज्ञ विंसेंट वान डेर मेरवे ने और अधिक मौतों की भविष्यवाणी की थी. उन्होंने कहा था कि अगले कुछ महीनों में और भी अधिक मृत्यु दर देखने को मिलेगी."