Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के सागर जिले में सोमवार को जिस दलित युवती की मौत हुई है, उसकी कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है. पहले भाई, फिर चाचा और अब रहस्यमयी हालत में युवती की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. इधर, कांग्रेस ने भी सियासत शुरू कर दी है. प्रियंका गांधी, राहुल गांधी, कमलनाथ और दिग्विजय सिंह सभी सवाल खड़े किए.
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Madhya Pradesh News: सागर जिले के खुरई थाना क्षेत्र के बरोदिया नोनागिर में दलित युवती की संदेहास्पद मौत के मामले में सियासत गरमा गई है. करीब एक साल पहले युवती के भाई की हत्या कर दी गई थी. कुछ दिन पहले चाचा की हत्या भी कर दी गई है. जिस एम्बुलेंस से चाचा को लेकर आ रही थी उससे गिरकर युवती की मौत हो गई. इस केस में एक-एक कर कई वारदातें सामने आ रही हैं. हत्याकांड की गवाह की हत्या कर दी गई और फरियादी बहन की संदेहास्पद मौत ने मामले को गंभीर बना दिया.
सागर जिले का खुरई इलाका पूरे सूबे में चर्चित इलाका है. यहां से भाजपा के कद्दावर नेता भूपेंद्र सिंह मौजूदा विधायक हैं. पिछली सरकार में मंत्री भी थे. साल 2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान इसी क्षेत्र में दलित युवक नितिन उर्फ लालू की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी. आरोप लगा कि तत्कालीन मंत्री के संरक्षण के चलते पुलिस आरोपियों पर कार्रवाई नहीं कर रही.
इसी प्रकरण में, मैं कल सागर जिला खुरई विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बड़ोदिया नोनागिर गया था जहां यह हादसा हुआ है। प्रशासन पूरी तरह से गरीब दलित आदिवासी विरोधी है और दबंगों का राज है। मैं अंजना के दाह संस्कार में भी शामिल हुआ था। उसका पूरा विवरण में आज पोस्ट करूँगा। @INCIndia @INCMP… https://t.co/u9TPHRyma6
— Digvijaya Singh (@digvijaya_28) May 28, 2024
सलाखों के पीछे आरोपी
समय चुनाव का था लिहाजा कांग्रेस हमलावर हुई और हत्या के दूसरे ही दिन कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इस गांव में डेरा डाल लिया. पीड़ित परिवार के साथ दिग्गी खड़े हुए इतना ही नहीं इस परिवार से उन्होंने हमेशा का रिश्ता भी जोड़ लिया. ऐलान किया कि जीवन की अंतिम सांस तक वो इस परिवार के साथ खड़े रहेंगे. बढ़ती सियासत के बीच पुलिस ने लालू हत्याकांड के सभी आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया और मामला कोर्ट में है. सभी आरोपी सलाखों के पीछे यानी जेल में है.
नरेंद्र मोदी ने ‘कानून का राज’ खत्म कर दिया है।
मध्यप्रदेश में इस दलित परिवार के साथ भाजपा नेताओं ने जो किया है वो सोच कर ही मन पीड़ा और क्रोध से भर गया।
यह शर्म की बात है कि भाजपा के राज में सरकार पीड़ित महिलाओं की जगह हमेशा उनके गुनहगारों के साथ खड़ी मिलती है।
ऐसी घटनायें हर… https://t.co/rNpn5OAiOZ
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 28, 2024
राजीनामे के लिए चाचा की पीटा
इस मामले ने एक बार फिर बीते शनिवार को जोर पकड़ा, लालू हत्याकांड के मुख्य गवाह लालू के चाचा राजेन्द्र को आरोपी पक्ष के कुछ लोगों ने बुलाया और राजीनामा करने का दबाव बनाया. राजेंद्र और उसके साथ एक और व्यक्ति जब तैयार नहीं हुए तो उनके साथ जमकर मारपीट की गई. गंभीर हालत में दोनों को सागर रेफर किया गया और हालत बिगड़ती देख राजेन्द्र को भोपाल शिफ्ट किया जा रहा था, लेकिन राजेन्द्र ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया. रविवार को राजेंद्र का पोस्टमार्टम कराया गया.
पीड़ित युवती की मौत
मामला यहीं नहीं थमा, बल्कि एक और संदेहास्पद घटनाक्रम सामने आया. जो लड़की मामले की मुख्य फरियादी थी. रविवार की दोपहर सारे घटनाक्रम की जानकारी पुलिस और मीडिया को दे रही थी. अंजना अपने चाचा राजेन्द्र का शव लेकर गांव एम्बुलेन्स से निकली, लेकिन घर पहुंचने से पहले ही अंजना एम्बुलेन्स से नीचे गिर गई. उसकी भी रहस्यमयी ढंग से मौत हो गई.
सियासत
कुछ महीने पहले दलित युवक लालू की वीभत्स हत्या, फिर इस हत्याकांड के मुख्य गवाह राजेन्द्र की हत्या और इसी बीच मुख्य मामले की फरियादी लालू की बहन और राजेंद्र की भतीजी की संदेहास्पद मौत ने इलाके में सनसनी फैला दी है. एक बार फिर इस मामले में सियासत शुरू हो गई है. राजेन्द्र और अंजना की मौत की खबर लगते ही दिग्विजय सिंह पीड़ितों के गांव पहुंचे. अपनी मुहबोली भांजी अंजना के शव को उन्होंने कंधा दिया और व्यवस्था पर हमला बोलते हुए उन्होंने फिर भाजपा सरकार और मौजदा विधायक भूपेंद्र सिंह को कटघरे में खड़ा किया. मामले पर राहुल गांधी और पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए सरकार को घेरा है.
रिपोर्ट: महेंद्र दुबे, सागर