Sawan Somwar 2024: महाकाल की सवारी में 350 जवानों का बैंड पेश करेगा अनोखी प्रस्तुति, जानिए Band की खासियत
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Sawan Somwar 2024: महाकाल की सवारी में 350 जवानों का बैंड पेश करेगा अनोखी प्रस्तुति, जानिए Band की खासियत

मध्यप्रदेश के उज्जैन में हर साल बाबा महाकाल की शाही सवारी सावन सोमवार को निकाली जाती है. इस बार सावन की पहली सवारी 22 जुलाई को निकाली गई थी, और अब दूसरी सवारी 29 जुलाई को निकाली जाएगी. वहीं, आखिरी शाही सवारी 2 सितंबर को निकाली जाएगी.

Sawan Somwar 2024

MP NEWS: मध्यप्रदेश के उज्जैन में हर साल बाबा महाकाल की शाही सवारी सावन सोमवार को निकाली जाती है. इस बार सावन की पहली सवारी 22 जुलाई को निकाली गई थी, और अब दूसरी सवारी 29 जुलाई को निकाली जाएगी. वहीं, आखिरी शाही सवारी 2 सितंबर को निकाली जाएगी. 29 जुलाई को निकलने वाली यह सवारी कई मायनों में खास है क्योंकि इस सवारी की शोभा बढ़ाने के लिए पुलिस ब्रास बैंड के 350 नए प्रशिक्षण प्राप्त जवानों द्वारा मधुर धुनों से सवारी में जोश, उमंग और आकर्षण को बढ़ाया जाएगा.

बता दें कि मध्यप्रदेश की सभी पुलिस इकाइयों में पुलिस जवानों को 6 महीने की ट्रेनिंग दी गई है. साथ ही पुलिस बैंड की टीम क्षिप्रा तट पर पूजा के समय दत्त अखाड़ा घाट पर भी अपनी खास प्रस्तुति देगी. इस बार बाबा महाकाल अपने भक्तों को दर्शन देने बैलगाड़ी पर निकलेंगे.

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CM मोहन ने पुलिस बैंड की स्थापना का दिया था आदेश
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पुलिस बैंड को विशेष सम्मान देते हुए हर जिले में पुलिस बैंड की स्थापना और इसके लिए चाहने वाले पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग देकर उन्हें बैंड में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए थे. उनके आदेश पर ही प्रदेश की पुलिस इकाइयों में पुलिस जवानों को बैंड वादन के साथ वाद्ययंत्रों की विशेष ट्रेनिंग दी गई.

मध्यप्रदेश पुलिस बैंड का अब तक सफर  
मध्यप्रदेश पुलिस बैंड का इतिहास बहुत ही गौरवशाली और गर्व से भरा हुआ है. 1988 में, मध्यप्रदेश पुलिस बैंड की स्थापना भोपाल में 7वीं वाहिनी, विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ) के तहत की गई थी. यह बैंड मध्यप्रदेश पुलिस का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था और इसे एक महत्वपूर्ण उद्देश्य के लिए तैयार किया गया था. इसके बाद इस बैंड का विस्तार राज्य के अलग-अलग जिलों में होने लगा और वहां पर इनकी शाखाएं भी खोली गईं. बैंड की शाखाएं इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और सागर में खोली गईं. ये शाखाएं पुलिस बैंड की पहुंच और प्रभाव को बढ़ाने के लिए बनाई गई थीं. वर्तमान समय में भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन में ब्रास बैंड की इकाइयां स्थापित हैं. रीवा में पाइप बैंड भी कार्यरत हैं. 

बता दें कि ये बैंड पुलिस की विभिन्न इकाइयों में गहरे प्रभाव डालते हैं और विभिन्न आयोजनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के आदेश पर, पुलिस बैंड को 6 महीने के प्रशिक्षण के बाद प्रदेश के सभी जिलों में स्थापित किया गया है. यह प्रशिक्षण पुलिसकर्मियों को बैंड वादन में दक्ष बनाने के लिए था. मुख्यमंत्री ने सभी जिलों में स्थापित पुलिस बैंड में नियमित रूप से भर्तियां करने की भी घोषणा की है. इसका उद्देश्य बैंड की गुणवत्ता और कार्यक्षमता को बनाए रखना और उसे बढ़ाना है.

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