MP News: भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश की सभी 29 सीटों के लिए प्रत्याशियों का ऐलान किया है. इस बीच सिंधिया समर्थक इमरती देवी का दर्द फिर छलका है. उन्होंने कहा कि 'चुनाव ही हारे हैं, हम पर मार नहीं पड़ी है'.
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MP News: ग्वालियर। इस समय देश में लोकसभा चुनाव के साथ CAA और एक देश एक चुनाव को लेकर चर्चा हो रही है. लेकिन, मध्य प्रदेश में पूर्व मंत्री और सिंधिया समर्थक नेताओं में गिने जाने वाली इमरती देवी इन दिनों सुर्खियों में बनी हुई हैं. इमरती देवी दो दिन में दो बयान दे चुकी हैं जिसमें उनका दर्द छलक रहा है. सियासी जानकारों की मानें तो इसके पीछे इमरती देवी की लोकसभा के लिए टिकट की चाहत थी लेकिन पार्टी ने उन्हें मौका नहीं दिया.
फिर छलका दर्द
पूर्व मंत्री इमरती देवी ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. दो दिनों में दूसरी बार उनका दर्द छलका है. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में भाजपा हर कार्यकर्ता ने हराने का काम किया है. जिला अध्यक्ष हो मंडल अध्यक्ष हो या फिर उपाध्यक्ष हो किसी ने साथ नहीं दिया. मैंने तो अपना चुनाव अपनी दम पर लड़ा है. चुनाव ही हारे हैं. हम पर मार नहीं पड़ी है.
'कांग्रेस में थी तो जीतती थी'
दो दिन पहले डबरा में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में शामिल होने के लिए इमरती देवी पहुंची थी. यहां उन्होंने जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा था 'मैं जब कांग्रेस में थी तो जीत 62 हजार मतों से चुनाव जीतती थी लेकिन भारतीय जनता पार्टी जॉइन करने के बाद मुझे हार झेलनी पड़ी. मैंने भाजपा का वोट बैंक बढ़ाया है और इसके लिए मैं जनता की आभारी हूं.'
2 बार हारी हैं चुनाव
इमरती देवी 2018 में बनी कमलनाथ सरकार में मंत्री थीं लेकिन जब ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में आए तो उनका साथ उन्होंने भी बीजेपी ज्वाइन कर ली. इसके बाद चुनावी मैदान में उतरी. प्रदेश में हुए उपचुनाव में उन्हें फिर से मैदान में उतारा गया लेकिन वो हार गई. हालांकि, पार्टी ने एक बार फिर उन्हें 2023 के विधानसभा चुनाव में टिकट देकर डबरा से मैदान में उतारा लेकिन फिर से इमरती देवी का हार का सामना करना पड़ा.
लोकसभा की थी उम्मीद
मध्य प्रदेश की पूर्व मंत्री इमरती देवी अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रही हैं. इस बार उनकी दो बयान सुर्खियों में बने हैं जिनमें उनका दर्द छलक रहा है. सियासी जानकार कहते हैं कि इन दिनों आ रहे बयान के पीछे उनकी लोकसभा के टिकट की उम्मीद है. इमरती चाहतीं थी की उन्हें भाजपा प्रत्याशी बनाए लेकिन भाजपा ने भारत सिंह कुशवाह मैदान में उतारा है.