शिवराज कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं. प्रदेश में स्व सहायता समूह अब पोषण आहार का काम संचालित करेंगे.
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भोपालः मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. कैबिनेट बैठक के बाद फैसलों की जानकारी दी गई. मध्य प्रदेश में बाटे जाने वाले पोषण आहार का काम सरकार ने स्वसहायता समूह को सौंपने का फैसला लिया है. इसके अलावा एमपी में 1250 मीट्रिक टन धान के विक्रय की अनुमति कैबिनेट ने प्रदान की है.
स्व सहायता समूह सौंपा गया पोषण आहार का काम
कैबिनेट बैठक में फैसला लिया गया है कि पोषण आहार का काम अब स्व सहायता समूह को सौंपा जाएगा. सरकार का तर्क महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने के लिए पोषण आहार सातों संयंत्रों को स्व सहायता समूह के हाथों में काम दिया जाएगा. महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दृष्टि से यह बड़ा ठोस कदम सरकार ने उठाया है.
ग्रह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकार ने इसे ठेकेदारों को दे दिया था. लेकिन अब शिवराज सरकार ने इस फैसले को फिर से बदला है. कांग्रेस ने ठेकेदारों के हाथ में काम दे दिया था. अब फिर से शिवराज सरकार ने यह काम महिलाओं के हाथ में दिया है. ताकि महिलाएं सशक्त बने.
12 मार्गों पर वसूला जाएगा टोल
मध्य प्रदेश के 12 मार्गों पर टोल वसूले के प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. हालांकि इन मार्ग में सिर्फ व्यवसायिक वाहनों से टोल लिया जाएगा. इन मार्गों में भोपाल-बैरसिया मार्ग, गंजबासौदा-सिरोंज मार्ग, इंदौर-देपालपुर मार्ग, बुढ़ार-अमरकंटक मार्ग जैसे 12 मार्गों पर टोल वसूला जाएगा. ये सभी 12 मार्ग मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम के अधीन आते हैं. इन मार्गों पर टोल टैक्स वसूली के लिए कलेक्शन एजेंसी का चयन करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है.
1250 मीट्रिक टन धान के विक्रय की अनुमति
वहीं कैबिनेट बैठक में मध्य प्रदेश में में 1250 मीट्रिक टन धान के विक्रय की अनुमति भी दी गई है. इसके अलावा 6 लाख 45 हजार टन गेहूं की नीलामी करने के बाद अब धान की भी नीलामी होगी. नीलामी से 1400 से लेकर 1800 रुपये प्रति क्विंटल तक राशि मिलने की उम्मीद है. कैबिनेट इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद अब खाद्य विभाग जल्दी ही नीलामी प्रक्रिया शुरु करेगा. यानि जल्द ही प्रदेश में धान की खरीदी भी शुरू हो गई जाएगी.
इसके अलावा भी शिवराज कैबिनेट में कई अहम फैसलों पर मुहर लगी है, कैबिनेट ने पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग को केंद्र सरकार के बाद राज्य सरकार ने अनु समर्थन किया है. यानि इस आयोग भी सरकार की तरफ से संवैधानिक दर्जा दिया गया है. जबकि रेत खनन नीति 2019 में संशोधन किया गया, अब बड़े जिले में जो बड़े ग्रुप बन जाते थे एक से अधिक समूह बनाकर निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी.
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