छत्तीसगढ़ चुनाव में अब कुछ ही महीने बचे हुए है. उससे पहले बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. पूर्व सांसद और आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने बीजेपी छोड़ दी है. उन्होंने प्राथमिक सदस्यता पद से इस्तीफा दे दिया है.
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रजनी ठाकुर/रायपुर: छत्तीसगढ़ चुनाव में अब कुछ ही महीने बचे हुए है. उससे पहले बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. पूर्व सांसद और आदिवासी नेता नंदकुमार साय (nandkumar sai join congress) ने बीजेपी छोड़ दी है. उन्होंने प्राथमिक सदस्यता पद से इस्तीफा दे दिया है. नंदकुमार ने प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव को पत्र लिखकर अपने इस्तीफे की जानकारी दे दी है. अब इसके बाद छत्तीसगढ़ बीजेपी में खलबली मच गई है. वहीं सीएम भूपेश बघेल की मौजूदगी में नंदकुमार साय कांग्रेस में शामिल हो गए हैं.
जुड़ा हाथ से हाथ, मिला आपका साथ
भरोसे के साथ जारी है, आदिवासी हित की बातस्वागत एवं अभिनंदन डॉ नंद कुमार साय जी.#हाथ_से_हाथ_जोड़ो…जारी है.. pic.twitter.com/GyvNTwCCrq
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) May 1, 2023
बता दें कि वरिष्ठ भाजपा नेता नंदकुमार साय के इस्तीफे के बाद प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने कहा कि जब पार्टी में उपेक्षित किया जाता है. तो इस तरह के निर्णय लेने पड़ते हैं, और ऐसे बहुत कम लोग होते हैं, जो पार्टी में काम करते रहते हैं. साथ ही कहा कि कहीं भी कुछ जुड़ता है तो कभी-कभी सामान्य रूप से बढ़ोतरी होती है. लेकिन कभी-कभी होता है कि किसी के जुड़ने से घटता है. वैसे नंदकुमार साय एक अनुभवी है. उन्होंने एक निर्णय लिया, बहुत परिपक्व है और विद्वान है. और उन्होंने दशकों तक भारतीय जनता पार्टी के साथ काम किया है. बाकी कांग्रेस में आते है. इसका निर्णय तो आलाकमान करेगी.
आज श्री नंद कुमार साय जी ने अपने साथ-साथ आदिवासियों के “मन की बात” भी कह दी है. #आदिवासी_विरोधी_भाजपा pic.twitter.com/2UKsrsPV6s
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) April 30, 2023
सीएम बघेल ने क्या कहा
नंदकुमार साय के इस्तीफे से सत्ता पक्ष को फिर एक बार बीजेपी को घेरे में लेने का मौका मिल गया है. सीएम बघेल ने इस्तीफे की कॉपी शेयर करते हुए लिखा कि आज नंदकुमार साय ने अपने साथ-साथ आदिवासियों के मन की बात भी कह दी है. वहीं पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने नंदकुमार के इस्तीफे के बाद कांग्रेस में आने का ऑफर दे दिया. उन्होंने कहा कि बीजेपी में आदिवासी नेता उपेक्षित है. साय के लिए कांग्रेस के दरवाजे खुले हैं. वो कभी भी आ सकते हैं.
नंद कुमार साय जी के इस्तीफे ने भाजपा का आदिवासी विरोधी चेहरा एक बार पुनः बेनकाब किया है।
भाजपा देश व प्रदेश की आदिवासी जनता का विश्वास पहले ही खो चुकी थी, अब भाजपा के सर्वोच्च आदिवासी नेता ने भी भाजपा से अविश्वास जता दिया है।#आदिवासी_विरोधी_भाजपा pic.twitter.com/zNfckuf4Z9
— INC Chhattisgarh (@INCChhattisgarh) April 30, 2023
गलतफहमी दूर करेंगे
वहीं प्रदेश भाजपा ने केंद्रीय भाजपा हाईकमान को नंदकुमार साय के इस्तीफे की जानकारी दे दी है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कोई गलतफहमी होगी तो हम बात करेंगे, उनकी गलतफहमी दूर करेंगे. नंदकुमार हमारी पार्टी के बेहद वरिष्ठ नेता हैं, पार्टी को आगे बढ़ाने में उनका सक्रिय योगदान रहा है.
धूमिल नहीं है लक्ष्य मेरा,
अम्बर समान यह साफ है
उम्र नहीं है बाधा मेरी,
मेरे रक्त में अब भी ताप है
सहस्त्र पाप मेरे नाम हो जाएं,
चाहे बिसरे मेरे काम हो जाएं,
मेरे तन-मन का हर एक कण,
इस माटी को समर्पित है
मेरे जीवन का हर एक क्षण,
जन-सेवा में अर्पित है।
आदिवासी_समाज_का_हित_सर्वोपरि pic.twitter.com/OE0hiEkULf— Dr Nand Kumar Sai (@nandksai) April 30, 2023
कांग्रेस में शामिल हुए
वहीं, इस्तीफे के बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि नंदकुमार साय कांग्रेस में शामिल होंगे, जिसपर 12 बजे मुहर लग गई है. सीएम बघेल की मौजूदगी में उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ले ली है. गौरतलब है कि वह छत्तीसगढ़ में बड़े आदिवासी नेता हैं. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि नंदकुमार साय के लिए कांग्रेस के दरवाजे खुले हैं, वह जब आना चाहें तब आ सकते हैं. वहीं साय के कांग्रेस में जाते ही उन्हें सत्ता में बड़ा पद दिए जाने की भी चर्चा है. सूत्रों का कहना है कि उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जा सकता है.