इंदौर के एयरपोर्ट पर पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने की मीडिया से चर्चा करते हुए वन नेशन वन इलेक्शन को भारतीय संविधान पर हमला बताया. वहीं तमिलनाडु सीएम के बेटे ने सनातन धर्म की डेंगू-मलेरिया से तुलना करने वाले पर भी जवाब दिया.
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इंदौर: इंदौर के एयरपोर्ट पर पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने की मीडिया से चर्चा करते हुए वन नेशन वन इलेक्शन को भारतीय संविधान पर हमला बताया और कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन कमिटी में एक पूर्व राष्ट्रपति को इतना हल्का काम देना पूर्व राष्ट्रपति का अपमान है. वहीं वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर तेजस्वी यादव के बयान की तारीफ करते हुए कहा की देश में वन नेशन वन इनकम होना चाहिए.
भाजपा से परेशान नेता
वहीं भाजपा छोड़ दिग्गज नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने का कारण दिग्विजय सिंह ने भाजपा से परेशान होना बताया है. दिग्विजय सिंह ने बीजेपी की जनआशीर्वाद यात्रा पर भी तंज कसा है. उन्होंने कहा कि चुनाव के समय बीजेपी को यात्रा और जनता दोनों की याद आ रही है.
तमिलनाडु के DMK नेता द्वारा हिंदू सनातन धर्म के खिलाफ दिए गए बयान से दिग्विजय सिंह बचते नजर आए. उन्होंने कहा कि मैं तमिल भाषा नहीं जानता हूं.
संविधान पर हमला
दिग्विजय सिंह ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा वन नेशन वन इलेक्शन के लिए जो कमेटी बनाई गई है. उसमें पूर्व राष्ट्रपति को मुख्य काम दिया गया है. इस पर दिग्विजय सिंह ने साफ कहा कि इससे पहले किसी भी पूर्व राष्ट्रपति को इतना हल्का काम नहीं दिया गया है. इस तरह का काम राष्ट्रपति को देना उनका अपमान करना है. वन नेशन, वन इलेक्शन भारतीय संविधान पर एक बहुत बड़ा हमला है.
आखिर क्या है वन नेशन वन इलेक्शन
दरअसल वन नेशन वन इलेक्शन का मतबल है कि पूरे देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएं. अभी लोकसभा चुनाव और हर प्रदेश में अलग अलग समय पर विधानसभा चुनाव होते हैं. अब वन नेशन वन इलेक्शन के लिए 1 सितंबर 2023 को एक कमेटी गठित की गई है जिसके अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद हैं. ये कमेटी देशभर में एक साथ चुनाव कराने की संभावनाओं की पड़ताल करेगी. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कई बीजेपी नेता समय समय पर वन नेशन वन इलेक्शन का समर्थन कर चुके हैं.
रिपोर्ट- शिव मोहन शर्मा