सावन के पहले सोमवार पर विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल आज नगर भ्रमण के लिए निकलेंगे. इस दौरान पुलिस बल की टूकड़ी बाबा महाकाल को गॉड ऑफ ऑनर देगी. जानिए सावन और भादौ मास में कब-कब निकलेगी बाबा महाकाल की पालकी.
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राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन: विश्व भर में सावन माह की शुरुआत बड़े हर्ष उल्लास के साथ हो चुकी है. आज सावन का पहला सोमवार है. 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक दक्षिण मुखी बाबा महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में सावन पर्व के पहले सोमवार को पुजारी महेश शर्मा ने बताया कि तड़के 2:30 बजे गर्भ गृह के पट खोले गए. सर्वप्रथम पंचायतन देवता की पूजा की गई उसके बाद घण्टी हुई. इसके बाद 3:30 बजे से 5 बजे के बीच मंगला आरती जिसे भस्मार्ती कहा जाता है सम्पन्न की गई और आम दर्शनार्थियों के दर्शन हेतु प्रवेश दिया गया.
पहला सोमवार होने से श्रद्धालुओं में काफी उत्साह दिखाई दिया. देश भर के अलग-अलग कोने से भक्त बाबा की एक झलक पाने उनसे आशीर्वाद लेने पहुंचे और जय श्री महाकाल के जयकारों से मंदिर परिसर व पूरी अवंतिका नगरी को गुंजा दिया. पहला सोमवार होने से भक्तों को विशेष लाभ मिला. सावन में प्रत्येक दिन आम दिनों की तरह ही बाबा का श्रृंगार पूजन होता है, लेकिन सोमवार का दिन विशेष हो जाता है और बाबा का विशेष पंचामृत अभिषेक किया जाता है. आज देर शाम 4 बजे बाबा नगर भ्रमण पर निकलेंगे और इस बार खास बात यह है कि कोई पाबंदी नही है हर कोई बाबा के दर्शन भम्रण के दौरान कर सकता है. दर्शन भ्रमण का मार्ग परंपरा अनुसार ही रहेगा.
इस वर्ष श्रावण भादौ मास की 6 सवारी जानिए कब कब
18 जुलाई श्रावण मास की पहली सवारी
25 जुलाई श्रावण मास की दूसरी सवारी
01 अगस्त श्रावण मास की तीसरी सवारी
08 अगस्त श्रावण मास की चौथी सवारी
15 अगस्त भादौ मास की पहली सवारी
22 अगस्त श्रावण-भादौ मास की शाही सवारी
जानिए सवारी और सवारी मार्ग के बारे में
आज सावन के पहले सोमवार को भगवान महाकाल चंद्रमौलेश्वर रूप में शासकीय पूजन के बाद पालकी में सवार होकर महाकाल मंदिर के बाहर आएंगे और यहां पर सबसे पहले पुलिस बल की टुकड़ी बाबा महाकाल को गॉड ऑफ ऑनर देगी. जिसके बाद पुलिस बैंड बाबा को सलामी देते हुए आगे चलेंगे. वहीं पालकी के आगे पुलिस घुड़सवार, पुलिस बैंड और पुलिस शस्त्र बल की आगे-आगे चलेंगे वही बाबा महाकाल की पालकी के साथ-साथ भजन मंडलियां भी चलेगी. बाबा महाकाल अपने पुराने मार्ग से होते हुए शिप्रा नदी पहुंचेंगे. यहां बाबा महाकाल की पालकी का मां शिप्रा के जल से पूजन अभिषेक किया जाएगा. इसके बाद परंपरा अनुसार मार्ग से ही नगर में भ्रमण करते हुए देर रात तक पुनः महाकाल मंदिर पहुंचेंगे.
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