महाष्टमी पर कलेक्टर ने देवी मां को चढ़ाई शराब, पीएम मोदी को लेकर मांगी ये दुआ
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महाष्टमी पर कलेक्टर ने देवी मां को चढ़ाई शराब, पीएम मोदी को लेकर मांगी ये दुआ

Ujjain News: महाष्टमी के पर्व पर उज्जैन के प्रसिद्ध महामाया मंदिर में शराब का भोग लगाया जाता है. खास बात ये है कि जिले के कलेक्टर ही देवी मां को यह भोग लगाते हैं. इसके पीछे एक रोचक मान्यता है...

महाष्टमी पर कलेक्टर ने देवी मां को चढ़ाई शराब, पीएम मोदी को लेकर मांगी ये दुआ

राहुल सिंह राठौर/उज्जैनः धार्मिक नगरी उज्जैन में शिव के साथ शक्ति भी अलग-अलग रुपों में विराजमान हैं. नवरात्रि के 9 दिनों के दौरान देवी के मंदिरों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शीश झुकाने आते हैं. महाष्टमी के पर्व पर उज्जैन नगरी में महाकाल मंदिर से 150 मीटर दूरी पर स्थापित चौबीस खंभा माता मंदिर है. इस मंदिर में देवी महामाया और देवी महालाया विराजमान हैं. इस मंदिर में प्रसाद के रूप में देवियों को शराब का भोग लगाने की परंपरा है. जिलाधिकारी यहां खुद देवियों को शराब का भोग लगाने आते हैं और आरती करते हैं. 

क्या है मान्यता
मंदिर के पुजारी ने बताया कि ऐसा माना जाता है कि राजा विक्रमादित्य के शासन काल से यह परंपरा चली आ रही है. राजा विक्रमादित्य के शासन काल के बाद जागीरदार, जमींदारों द्वारा यहां पर देवियों का पूजन किया जाने लगा. यह परंपरा आज भी लगातार चल रही है. चूंकि अब जिले का राजा कलेक्टर होता है, इसलिए देवी मां को शराब का भोग अब कलेक्टर लगाते हैं. मान्यता है कि यह दोनों देवियां नगर की रक्षा के लिए यहां विराजमान हैं. जिनके पूजन से हर आपदा, संकट से मुक्ति मिलती है.

पूजन के बाद 27 किलोमीटर की होती है पैदल यात्रा!
पूजन के बाद जिला कलेक्टर चौबीस खम्बा स्थित माता महालाया व महामाया को मदिरा(शराब) अर्पित करते हैं. इसके बाद कोतवाल परंपरा के अनुसार, एक हांडी में, जिसमें छोटा सा छेद होता है, उसमें शराब लेकर 27 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हैं. इस यात्रा के दौरान उज्जैन के करीब 40 भैरव मंदिरों में शराब की धार अर्पित की जाती है. देर शाम तक यह क्रम चलता रहता है. मंगलनाथ स्थित भैरव मंदिर पर जाकर यह यात्रा समाप्त होती है. श्रद्धालु प्रसाद स्वरूप शराब का सेवन भी करते हैं. ऐसा सिर्फ महाकाल की नगरी उज्जैन में देखने को मिलता है.

कलेक्टर ने मांगी ये दुआ
आरती और पूजन के बाद उज्जैन के कलेक्टर ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री के आगामी कार्यक्रम की सफलता को लेकर दुआ मांगी है. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को महाकाल कॉरिडोर का उद्घाटन करने के लिए उज्जैन आ रहे हैं. कलेक्टर ने बताया कि साथ ही जिले की सुख समृद्धि की मनोकामना की है. 

मंदिर को लेकर ये है मान्यता
उज्जैन का प्राचीन चौबीस खम्बा मंदिर नगर का प्रवेश द्वार माना जाता है. नगर रक्षा के लिये यहां चौबीस खंभे लगे हुए थे, इसलिये इसे चौबीस खंभा द्वार कहते हैं. प्राचीन समय में इस द्वार पर 32 पुतलियां भी विराजमान थीं. माना जाता है कि यहां हर रोज एक राजा बनता था और उससे ये पुतलियां प्रश्न पूछती थी, राजा इतना घबरा जाता था कि डर की वजह से उसकी मृत्यु हो जाती थी. जब राजा विक्रमादित्य की बारी आई तो उन्होंने नवरात्रि की महाअष्टमी पर देवी की पूजा की तथा उन्हें देवी से वरदान प्राप्त हुआ. 

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