Ujjain News: मकर संक्रांति (Makar Sankranti) का पर्व इस वर्ष 15 जनवरी को मनाया जाएगा. हालांकि, उज्जैन में भक्त अभी से पहुंचने लगे हैं और क्षिप्रा (Kshipra) में स्नान कर लाभ ले रहे हैं. पंडित अमर डब्बेवाला के अनुसार जानें ऐसा क्यों हो रहा है और इसका मौसम पर क्या असर पड़ता है.
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Ujjain News: राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन। धार्मिक नगरी उज्जैन ही नहीं देशभर में मकर संक्रांति (Makar Sankranti) का पर्व इस साल 15 जनवरी को मनाया जाएगा. ऐसा इसलिए की सूर्य 14 जनवरी की रात 08:50 बजे मकर राशि में प्रवेश करेंगे. इसके बाद सबसे पहले महाकाल मंदिर में भस्मारती (Mahakal Bhasmarti) की जाएगी और फिर देश भर में संक्रांति का पर्व शुरू हो जाएगा. मान्यता है सनातन धर्म में कोई भी पर्व सबसे पहले श्री महाकाल बाबा के धाम में ही मनाया जाता है.
आज से ही लोग करने लगे स्नान
उज्जैन में पंडित अमर डब्बेवाला ने बताया कि पर्व हमेशा से लोग 14 जनवरी को मानते आए हैं. लेकिन, इस बार ये 15 तारीख को हो रहा है. इसदिन स्नान दान और पुण्य का अत्यधिक महत्व है. पर्व हर साल 14 जनवरी को ही होता है इसलिए लोग आज से ही उज्जैन में क्षिप्रा (Kshipra) के घाटों पर सुबह से पहुंच रहे हैं और स्नान दान का लाभ ले रहे हैं.
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दान का महत्व
पंडित अमर डब्बेवाला ने बताया की इस दिन सुबह तीर्थ दर्शन, पवित्र नदियों में स्नान तथा तिल से बने पकवान, कंबल, ऊनी वस्त्र, चावल-मूंग की दाल आदि वस्तुओं के दान का विशेष महत्व है. सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही सूर्य का उत्तरायण माना जाता है. भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार देखा जाए तो सूर्य नवग्रह के राजा है और सूर्य से ही अन्य ग्रहों को ऊर्जा प्राप्त होती है.
होता है जलवायु परिवर्तन
सूर्य का मकर राशि में प्रवेश सूर्य का उत्तरयण होना माना जाता है. जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो उत्तर की ओर गोलार्ध में उसका असर धीरे-धीरे बढने लगते है. यही कारण है कि अन्य तीन ऋतु इस दौरान अपना अलग प्रभाव दर्शाती है, जिससे मौसम तथा जलवायु परिवर्तन होता है.
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प्रशासन ने पूरी की तैयारी
बता दें उज्जैन में मकर संक्रांति के मौके पर काभी भीड़ आती है. लोग इस दिन स्नान और महाकाल के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. इस लिहाज से प्रशासन ने भी अपनी तैयारी पूरी कर रखी है. यहां के घाटों और मंदिरों में पुलिस बल तैनात किया गया है.
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