उज्जैन में नाबालिग रेप केस मामले में बड़ी खबर सामने आ रही है. यहां 12 साल की नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के आरोपी बुरी तरह जख्मी हो गया है. आरोपी पुलिस कस्टडी से भाग रहा था. पुलिस ने आरोपी को अस्पताल में भर्ती करा दिया है. कहा ये जा रहा है कि आरोपी का शॉर्ट एनकाउंटर हुआ है.
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उज्जैन: उज्जैन में नाबालिग रेप केस (Ujjain Rape case) मामले में बड़ी खबर सामने आ रही है. यहां 12 साल की नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के आरोपी भरत सोनी बुरी तरह जख्मी हो गया है. आरोपी पुलिस कस्टडी से भाग रहा था. पुलिस ने आरोपी को अस्पताल में भर्ती करा दिया है. कहा ये जा रहा है कि आरोपी का शॉर्ट एनकाउंटर हुआ है. हालांकि अभी सब कुछ क्लियर नहीं हुआ है, इस पूरी खबर पर अपडेट जारी है.
उज्जैन पुलिस का बयान
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस जांच से जुड़े इंस्पेक्टर अजय कुमार ने कहा कि आज हम क्राइम सीन को रीक्रिएट करने और लड़की द्वारा पहने गए कपड़े बरामद करने के लिए मौके पर पहुंचे थे. तब मौका पाकर आरोपी भागने की कोशिश करने लगा था. तभी ये चोट लगी है.
राष्ट्रीय संरक्षण बाल आयोग ने ली जानकारी
वहीं बच्ची के साथ हुई इस दर्दनाक घटना के बाद राष्ट्रीय बाल आयोग के एक दल ने अस्पताल का दौरा कर बच्ची के स्वास्थ्य संबंधित जानकारी डॉक्टरों से ली है. दरअसल राष्ट्रीय संरक्षण बाल आयोग की सदस्य दिव्या गुप्ता बच्ची से मिलने अस्पताल पहुंची थी. जिसके बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि डॉक्टरों की एक्सपर्ट टीम ने बच्ची की सर्जरी की है, साथ ही बच्ची को ब्लड भी चढ़ाया है. सर्जरी के बाद 48 घंटे का जो क्रिटिकल समय होता है, वह अब निकल चुका है और अब बच्ची खतरे से बाहर है. बच्ची खाने पीने के साथ थोड़ा कुछ बाते भी कर रही है और उससे स्वास्थ में लगातार सुधार हो रहा है.
वहीं इस दर्दनाक घटना के लिए समाज जिम्मेदार है. इस घटना को करने वाले भी जिम्मेदार है तो वहीं जिन लोगों ने उस बच्ची की मदद नहीं की वे सभी आज इस घटना के लिए जिम्मेदार है.
समाज ने मदद क्यों नहीं की?
दिव्या गुप्ता ने कहा कि वहीं उज्जैन प्रशासन ने बच्ची के बारे में जानकारी जुटा ली है और उसके माता-पिता को इस घटना की जानकारी दे दी गई है. लेकिन मेरा मानना है कि जब बच्चे के माता-पिता आए तो उनसे बात कर उन्हें मीडिया का मुद्दा ना बनाया जाए. इस तरह की घटना कही भी हो सकती है, किसी भी प्रदेश में हो सकती है केवल ये मध्य प्रदेश की घटना नहीं है. दिक्कत तो ये है कि ढाई घंटे तक बच्ची सड़कों पर घूम रही थी तो क्यों किसी ने उसकी मदद नहीं की?