Why No Non-Veg Day in UP: उत्तर प्रदेश में ने साधु टीएल वासावानी की जयंती के चलते'नो नॉन-वेज डे' मनाया जा रहा है. इस फैसले के तहत सभी बूचड़खानों और मांस की दुकानों को बंद करने का आदेश दिया गया है.
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Who Was Sadhu TL Vaswani: योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली यूपी सरकार ने 25 नवंबर को 'नो नॉन-वेज डे' घोषित किया है. इसी के चलते कई लोगों के मन में यह सवाल आया है कि आज न तो नवरात्रि है और न ही मंगलवार और कोई खास मौका, फिर आज के दिन को यूपी में नॉनवेज डे क्यों घोषित किया गया है, तो आइए आपको बताते हैं. आपको बता दें कि योगी की यूपी सरकार ने साधु टीएल वासावानी की जयंती के मौके पर आज के लिए राज्य में नॉनवेज की दुकानों पर प्रतिबंध लगा दिया है.
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कौन थे साधु टीएल वासवानी?
बता दें कि साधु टीएल वासावानी को श्रद्धांजलि स्वरूप राज्य भर के सभी बूचड़खाने और मांस की दुकानें बंद रहेंगी. यह फैसला वासवानी के अहिंसा के सिद्धांतों के अनुरूप है. साधु टीएल वासवानी की बात करें तो वो प्रख्यात भारतीय शिक्षाविद् (eminent Indian educationist) थे, जिन्होंने अपने अग्रणी प्रयासों से शिक्षा के परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी. वो मीरा मूवमेंट इन एजुकेशन के संस्थापक थे. उन्होंने 1949 के बाद पुणे में स्थानांतरित होने से पहले हैदराबाद, सिंध में सेंट मीरा स्कूल की स्थापना की थी.
खास बात ये है कि साधु टीएल वासवानी की जयंती "अंतर्राष्ट्रीय मांस रहित दिवस" (International Meatless Day) के रूप में पूरी दुनिया में महत्व भी रखती है. साधु वासवानी मिशन दुनिया भर में सार्वभौमिक शाकाहारी जीवन (universal vegetarian living) और विचारों को फैलाने के लिए हर साल इस दिन को मनाता है. वासवानी के जीवन और मिशन को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित, मिशन यह सुनिश्चित करता है कि जहां भी वासवानी की विरासत को याद किया जाए, वहां अंतर्राष्ट्रीय मांस रहित दिवस व्यापक रूप से मनाया जाए. शिक्षा और शाकाहार को बढ़ावा देने के लिए साधु टीएल वासावानी की प्रतिबद्धता पीढ़ियों को प्रेरित करती है. गौरतलब है कि 'नो नॉन-वेज डे' के जरिए लोग वासवानी को याद करेंगे और उनके अहिंसा के विचारों का पालन भी करेंगे.