इसे सरकारी तंत्र की लापरवाही ही कहेंगे कि बस टर्मिनल को बनने में 4 साल का वक्त लग गया.
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अंबिकापुर/सुशील कुमारः सरकारी तंत्र की लापरवाही का एक और मामला सामने आया है. दरअसल अंबिकापुर में चल रहीं सिटी बसें अब सड़कों से लगभग गायब हो चुकी हैं, अब जाकर नगर निगम द्वारा सिटी बसों के लिए बनाया जा रहा टर्मिनल बनकर तैयार हुआ है. ऐसे में अब देखने वाली बात होगी कि करोड़ों रुपए की लागत से बने इस बस टर्मिनल का निगम द्वारा क्या उपयोग किया जाएगा?
क्या है मामला
बता दें कि 4 साल पहले 33 सिटी बसों का संचालन नगर निगम द्वारा शुरू किया गया था. बसों के मेंटेनेंस और रख-रखाव के लिए टर्मिनल स्टेशन स्थापित करने की योजना बनाई गई. इसके लिए शहर के मठपारा इलाके में सरकारी भूमि पर इसका निर्माण शुरू किया गया. लाखों रुपए की लागत से निर्माण कार्य शुरू किया गया और बसों के आवागमन के लिए मार्ग का डामरीकरण भी किया गया. बस टर्मिनल की सुरक्षा के लिए बाउंड्रीवाल, बसों की मरम्मत के लिए बड़ा हॉल का निर्माण कराया गया.
हालांकि इसे सरकारी तंत्र की लापरवाही ही कहेंगे कि बस टर्मिनल को बनने में 4 साल का वक्त लग गया. साथ ही इसके निर्माण में डेढ़ करोड़ रुपए लग गए. अब जब टर्मिनल बनकर तैयार हुआ है तो रख-रखाव के अभाव में अधिकतर सिटी बसें अपने रूट से गायब हो गई हैं. ऐसे में करोड़ों रुपए की लागत से तैयार हुए इस टर्मिनल का अब क्या इस्तेमाल होगा, ये बड़ा सवाल है?