सांसद निधि खर्च करने के मामले में मध्य प्रदेश के सांसदों के बीच नकुलनाथ सबसे आगे हैं. उन्होंने अपनी निधि का लगभग 99 फीसदी हिस्सा खर्च कर दिया है. अन्य 28 सांसद इस मामले में फीसड्डी हैं.
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भोपाल: लोकसभा सदस्य चुने जाने के पहले 6 माह में सांसद निधि खर्च करने के मामले में छिंदवाड़ा के सांसद नकुलनाथ सबसे आगे हैं. लोकसभा से मिली जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार ने सांसद निधि के रूप में प्रत्येक सांसद को 2.5 करोड़ रुपए जारी किए हैं. मध्य प्रदेश के 28 भाजपा सांसदों में से 23 ने अपनी सांसद निधि का एक रुपया तक नहीं खर्च किया है. नकुलनाथ ने 2.5 करोड़ में से 2.42 करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं.
प्रदेश के कुल 29 सांसदों को 75 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई, जिसमें से अब तक सिर्फ 5 करोड़ रुपये ही सांसदों की ओर से खर्च किए गए हैं. इस मामले में सांसद नकुल नाथ का कहना है,'सांसद निधि जनता पर खर्च करने के लिए ही होती है. हमने प्राथमिकता और उपयोगिता के आधार पर इस राशि को जनता के काम में लगा दिया है. इसके आधार पर छिंदवाड़ा में कई विकास कार्य किए जा रहे हैं.'
गौरतलब है कि इस साल 31 मार्च तक देश के सभी सांसदों को अपनी सांसद निधि का 80 फीसदी यानी 2 करोड़ रुपये खर्च करने ही होंगे, तभी उनको 2.5 करोड़ की अगली किश्त मिलेगी. आपको बता दें कि सांसदों को एक साल में सांसद निधि के रूप में पांच करोड़ रुपये मिलते हैं. सांसद निधि से सांसदों को अपने क्षेत्र में छोटे-मोटे विकास कार्य करने होते हैं. बड़े खर्चे वाले कामों के लिए सांसदों को केंद्र और राज्य सरकारों के संबंधित विभाग के मंत्रियों से सिफारिश करनी होती है.
इन सांसदों ने खर्च की राशि
नकुलनाथ (छिंदवाड़ा), 2.42 करोड़
जनार्दन मिश्रा (रीवा), 1.95 करोड़
अनिल फिरोजिया (उज्जैन), 32 लाख
प्रहलाद पटेल (दमोह), 22 लाख
महेंद्र सिंह सोलंकी (देवास), 5 लाख
दुर्गादास उइके (बैतूल), 5 लाख
इन सांसदों ने बिल्कुल खर्च नहीं की राशि
नरेंद्र सिंह तोमर (मुरैना)
राकेश सिंह (जबलपुर)
गुमान सिंह डामोर (रतलाम)
रोडमल नागर (राजगढ़)
रीति पाठक (सीधी)
फग्गन सिंह कुलस्ते (मंडला)
उदयप्रताप सिंह (होशंगाबाद)
छतरसिंह दरबार (धार)
सुधीर गुप्ता (मंदसौर)
विवेक शेजवलकर (ग्वालियर)
संध्या राय (भिंड)
नंदकुमार सिंह चौहान (खंडवा)
हिमाद्री सिंह (शहडोल)
वीरेंद्र कुमार (टीकमगढ़)
राजबहादुर सिंह (सागर)
विष्णुदत्त्त शर्मा (खजुराहो)
प्रज्ञा ठाकुर (भोपाल)
ढालसिंह बिसेन (बालाघाट)
गणेश सिंह (सतना)
शंकर ललवानी (इंदौर)
कृष्णपाल सिंह यादव (गुना)
रमाकांत भार्गव (विदिशा)
गजेंद्र सिंह पटेल (खरगौन)