नीमच के ‘ब्लैक गोल्ड’ का मामला भोपाल पहुंचा, सीएम शिवराज सिंह चौहान जल्द दे सकते हैं राहत
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नीमच के ‘ब्लैक गोल्ड’ का मामला भोपाल पहुंचा, सीएम शिवराज सिंह चौहान जल्द दे सकते हैं राहत

जिला मुख्यालय के कई हिस्सों में बीते चार दिनों से समय-समय पर मौसम परिवर्तन होता रहा है. जिससे किसानों की रबी की फसल समेत अफीम व औषधीय फसलों की खेती को भारी नुकसान हुआ है. 

बेमौसम बरसात से खराब हुई फसल के पास बैठा किसान.

नीमच/प्रितेश सारड़ाः नीमच ''ब्लैड गोल्ड'' यानि काला सोना मानी जाने वाली अफीम की फसल ओलावृष्टि-बारिश के कारण खासी प्रभावित हुई है. अफीम काश्तकारों ने इस मुद्दे को लेकर विधायक व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा तक अपनी बात पहुंचायी. बताया जा रहा कि मामला अब सीएम शिवराज सिंह चौहान तक पहुंचा है और जल्द ही इस मामले में सरकार किसानों को कुछ राहत देने का आदेश जारी कर सकती है.

बता दें कि जिला मुख्यालय के कई हिस्सों में बीते चार दिनों से समय-समय पर मौसम परिवर्तन होता रहा है. जिससे किसानों की रबी की फसल समेत अफीम व औषधीय फसलों की खेती को भारी नुकसान हुआ है. जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर सिंगोली तहसील में आने वाले ग्राम पंचायत जाट सहित श्रीपूरा, दौलतपुरा पंचायत में बीती रात हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसलें लगभग पूरी तरह से खराब हो गई है. खराब होने वाली फसलों में अफीम, इसबगोल, लहसुन, सरसों गेंहू सहित कई फसलें शामिल हैं.

पहले पानी के गिरते स्तर से थे किसान परेशान

वही सबसे ज्यादा ओलावृष्टि दौलतपुरा व श्रीपूरा पंचायत में हुई जिसमें किसानों ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि पहले वर्षा नही होने के कारण पानी का स्तर बिल्कुल कम हो गया था. जिसके कारण कुएं व ट्यूबवेल में पानी आना बंद हो गया लेकिन फिर भी हम किसानों द्वारा इस समस्या से निपटने के लिए लाखो रुपए का कर्जा लेकर नए ट्यूबवेल खनन कराए जिससे थोडा बहुत पानी उपलब्ध हुआ. उससे जैसे तैसे फसलें उगायी. अब जब फसलें पकने के लिए तैयार थी तो कुदरत का कहर बनकर बिन मौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण लगभग पूरी फसलें खत्म हो चुकी है. 

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किसानों की मांग- सरकार दे मदद

श्री पूरा पंचायत के उपसरपंच सागर मल धाकड़ ने मांग की कि बीते दिन हुई ओलावृष्टि के कारण फसलों के नुकसान की जांच कर, किसानों को तत्काल इस मुसीबत से बाहर निकालने के लिए प्रशासन को प्रयास करना चाहिए.

बता दें कि जाट क्षेत्र में लगभग 250 से अधिक अफीम के पट्टे है, जिन पर अफीम की खेती होती है. महंगे पोस्ता दाने और ऊपर से अभी तक अफीम की खेती में आ रही बीमारियों को दूर करने के लिये किसानों ने लाखों रुपए की दवाइयां बर्बाद कर दी है, लेकिन कुदरत के कहर ने किसानों की फसल को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया. 

किसान शिवलाल धाकड़ ने बताया हमारी फसल पूर्ण रूप से खराब हो गई है. हमारे पास जीविका का एकमात्र साधन खेती थी, वह भी इस बेमौसम की बारिश और ओलावृष्टि के कारण खत्म हो चुकी है. हम पूरी तरीके से बर्बाद हो चुके है. किसान मिश्रीलाल जटिया के मुताबिक ऐसी स्थिति में अगर प्रशासन ने ओर हमारा साथ नही दिया गया तो हमारे भूखे मरने तक कि नौबत आ सकती है. 

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इधर जिला प्रशासन के मुखिया जितेंद्रसिंह राजे ने कृषि विभाग को नुकसानी आकलन को लेकर कृषि विभाग के आला अधिकारियों से चर्चा की है, ताकि वास्तविक स्थिति के आधार पर सरकार तक रिपोर्ट पहुंचाई जा सके.

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