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नई दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जिस सुनील जोशी हत्याकांड को सभी हिंदू दक्षिण पंथी आतंकवादी घटनाओं के लिए अहम कड़ी होने का दावा करते हुए उसकी जांच अपने हाथों लेने के लिए कई महीनों तक मशक्कत की थी, उस कांड की सुनवाई चुपचाप मध्यप्रदेश में वापस स्थानांतरित कर दी गयी है क्योंकि एनआईए ने ही उसमें आतंकवाद संबंधी कोई सबूत नहीं की बात कही।
एनआईए ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रचारक जोशी के खिलाफ वर्ष 2007 के समझौता एक्सप्रेस ट्रेन विस्फोट कांड के सिलसिले में आरोपपत्र दायर किया था। जोशी को सभी हिंदू दक्षिण पंथी आतंकवादी घटनाओं के लिए अहम कड़ी माना गया था। जोशी 29 दिसंबर, 2007 को मध्यमप्रदेश में देवास के चूना खदान इलाके में जब अपने ठिकाने पर जा रहे थे तब गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गयी थी।
एनआईए को शक था कि जोशी की मालेगांव, अजमेर दरगाह और मक्का मस्जिद (हैदराबाद) के विस्फोटों के अलावा समझौता एक्सप्रेस धमाके में भी भूमिका है । एजेंसी ने इस बात पर जोर दिया कि यह मामला उसे सौंपा जाए।
संप्रग सरकार के दौरान एनआईए मध्य प्रदेश की अदलातों में कई आवेदन देकर अनुरोध किया कि वे इसकी जांच उसे सौंपने के लिए मध्यप्रदेश पुलिस को निर्देश दे।