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छत्तीसगढ़ में है रामायण-महाभारत कालीन शहर, जानिए कैसे किया गया था तबाह?

Chhattisgarh Tarighat City: छत्तीसगढ़ का इतिहास बहुत पुराना है, इसका उल्लेख रामायण और महाभारत में भी मिलता है. बता दें कि छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के अंदर 2500 साल पुराना शहर मिला है.

2008 में मिला (Image Credit: AI)

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2008 में मिला (Image Credit: AI)

2008 में पुरातत्व विभाग को दुर्ग जिले के पाटन तहसील के तारीघाट में एक पुराना शहर मिला.

 

2500 साल पुराना (Image Credit: AI)

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2500 साल पुराना (Image Credit: AI)

राजधानी रायपुर से 30 किलोमीटर दूर मिले इस शहर को पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने 2500 साल पुराना बताया है.

 

सिंधु घाटी की तरह (Image Credit: AI)

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सिंधु घाटी की तरह (Image Credit: AI)

इस शहर की संरचना सिंधु घाटी की तरह व्यवस्थित थी और यह अपने समय का एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र था.

 

भगवान विष्णु की मूर्ति (Image Credit: AI)

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भगवान विष्णु की मूर्ति (Image Credit: AI)

खुदाई के दौरान सिक्के, खिलौने और बर्तनों के साथ भगवान विष्णु की प्राचीन मूर्तियां मिली हैं.

 

कुषाण वंश के सिक्के (Image Credit: AI)

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कुषाण वंश के सिक्के (Image Credit: AI)

कुषाण और सातवाहन राजवंशों के सिक्के भी मिले हैं, जिससे पता चलता है कि यह अपने समय में व्यापारिक गतिविधियों का केंद्र था.

 

विदेशी सिक्के (Image Credit: AI)

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विदेशी सिक्के (Image Credit: AI)

यहां इंडो ग्रीक और इंडो ईरानी सिक्के भी मिले हैं. जो इसके अंतरराष्ट्रीय होने का प्रमाण देता है.

पांच सभ्यताएं (Image Credit: AI)

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पांच सभ्यताएं (Image Credit: AI)

इस जगह पर अलग-अलग समय में पांच अलग-अलग सभ्यताएं रही हैं. यहां इनके अस्तित्व के प्रमाण मिले हैं.

 

जलाकर ख़त्म कर दिया (Image Credit: AI)

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जलाकर ख़त्म कर दिया (Image Credit: AI)

इस केंद्र से मिले जलने के निशानों के आधार पर कहा जा रहा है कि यह शहर जलकर नष्ट हो गया होगा.

 

10 हजार साल पुराना (Image Credit: AI)

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10 हजार साल पुराना (Image Credit: AI)

यहां 20 फीट की गहराई पर करीब 10 हजार साल पुरानी चीजें भी मिली हैं.    

मिट्टी की मूर्ति (Image Credit: AI)

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मिट्टी की मूर्ति (Image Credit: AI)

यहां से पुरुषों, महिलाओं और जानवरों की मिट्टी से बनी मूर्तियां भी मिली हैं.