दिसंबर का महीना आते ही मध्य प्रदेश और राजस्थान की सीमा पर स्थित जिलों में भारी ठंड देखने को मिलती है. कुछ जिलों में तो आलम ये हैं कि फसलों पर रात में गिरने वाली ओस की बूंदें सुबह तक बर्फ बन जाती है. ऐसे में यहां के किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
मंदसौर शहर में रात को गिरने वाली ओस की बूंदें सुबह तक बर्फ का रूप ले लेती है. शहर में रविवार रात का तापमान 8 डिग्री तक पहुंच चुका है. जिसके और भी ज्यादा गिरने के आसार है. 8 डिग्री में ही अगर फसलों पर बर्फ जमने लगी है, फिर कम टेम्परेचर में और भी दिक्कतें हो सकती हैं.
खेत को पशुओं से सुरक्षित रखने के लिए बनी बागड़ के तारों पर भी बर्फ की हल्की परत जमने लगी है. नुकसान से बचने के लिए खेत की मेड़ पर धुआं कर हल्की सिंचाई की जा रही है. जिससे कि फसलों को नुकसान से बचाया जा सकें.
मंदसौर की सड़कों पर सुबह से ही माहौल सुहावना होने लग जाता है. सूर्योदय के बाद से ही शहर में हलचल होने लगती है. कुछ किसानों का कहना है कि तापमान कम होने से गेहूं और आलू की फसल को आंशिक नुकसान हुआ है. फसलों को बचाने के लिए स्प्रे और धुआं कर रहे हैं, जिससे कि नुकसान कम हो.
फसलों पर भी बर्फ साफ-साफ देखने को मिल रही है. एक किसान जिन्होंने 15 बीघा खेत में गेहूं की फसल लगा रखी है. वहां भी बर्फ की परत जमने लगी है. चिंतित किसान का कहना है कि बर्फ जम जाती है, हवा नहीं आने से फसलों को ज्यादा नुकसान होगा. इतनी बड़ी खेती में फसलों को कहां-कहां जाकर बचाया जाए, समझ नहीं आ रहा है.
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