रतलाम में मटर के दामों में एक बार फिर इजाफा हुआ है, जिससे किसानों के चेहरे खिल उठे हैं.
किसानों का कहना है कि पिछले दिनों किसान आंदोलन में हुए भारत बंद और प्रदर्शन को लेकर उन्हें भय था कि यदि वे रतलाम मंडी में लगी भीड़ को देखते हुए अन्य मंडियों में जाएंगे तो शायद रास्ते मे चक्कजाम में फंस सकते हैं. ऐसे में मटर बेचने में देरी हुई तो बारिश से मटर खराब हो जाएगी.
यही वजह रही कि किसान एक साथ रतलाम मंडी में अपनी मटर लेकर पहुंच गए. जिसके कारण आवक इतनी ज्यादा हो गयी कि मटर के दाम में गिरावट आयी और किसानों को नुकसान हुआ. हालांकि अब आवक कम होते ही किसानों को मटर के अच्छे खासे भाव मिल रहे हैं. किसानों को थोक भाव में एक किलो मटर के 24 रुपए मिल रहे हैं.
इससे पहले एक साथ बंपर आवक से मटर के दाम में भारी गिरावट आई थी और किसानों को 5 और 6 रुपये के भाव में मटर बेचनी पड़ी थी. जिससे किसान मायूस थे, क्योंकि फसल पर बारिश का खतरा भी मंडरा रहा था.
फुटकर विक्रेताओं का कहना है कि अब तक वे 10 से 15 रुपये तक के दाम में मटर मंडी से लाकर 25 रुपये की कीमत में बेच रहे थे. यदि मंडी में मटर के दामों में और इजाफा हुआ तो 40 रुपये किलो तक मटर बेचनी पड़ेगी. वहीं आम आदमी का कहना है कि मटर के दाम नहीं बढ़ने चाहिए.
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