ओडिशा से भटककर मध्य प्रदेश के जंगलों में आए दो हाथियों ने बीते सवा साल से आतंक मचा रखा था. एक हाथी की मौत के बाद दूसरे को पकड़ लिया गया है. जिसे कान्हा टाइगर रिजर्व में जंगली से पालतू बनाया जाएगा.
एक हाथी की मौत से घबराए दूसरे हाथी ने खेत की फसलों को बर्बाद करना शुरू कर दिया था. लेकिन सोमवार को KTR की टीम ने सफलता पूर्वक रेस्क्यू अभियान चलाकर दूसरे हाथी को पकड़ ही लिया. बताया जा रहा है कि दोनों हाथी ओडिशा से रास्ता भटककर मध्य प्रदेश के जंगलों में आ गए थे.
हाथी को पकड़ने में पेंच अभयारण्य के अधिकारियों के निर्देशन में पशु चिकित्सक अखिलेश मिश्रा, संदीप अग्रवाल और कान्हा टाइगर रिजर्व के स्टाफ ने काम किया और जंगली हाथी पर सफलतापूर्वक काबू पाया.
हाथियों के हमले से सिवनी के एक किसान को अपनी जान तक गंवानी पड़ी थी. यहां तक कि हाथियों ने मंडला के दो किसानों को गंभीर रूप से घायल कर दिया था. जिसके कुछ दिन बाद ही दूसरे हाथी की करंट लगने से मौत की सूचना मिली थी.
दोनों हाथी करीब 15 महीने पहले ओडिशा से छत्तीसगढ़ होते हुए मध्यप्रदेश की सीमा में प्रवेश कर गए थे. बताया गया है कि दोनों हाथियों ने मई-जून में ही मंडला की सीमा में प्रवेश किया था. किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाने के चलते इन्हें पकड़ना और भी जरूरी हो गया था.
कान्हा टाइगर रिजर्व के संचालक ने बताया कि हाथी को यहीं रखकर जंगली से पालतू बनाया जाएगा. इससे पहले भी जंगली हाथियों को पालतू बनाने का प्रयोग कान्हा पार्क में किया जा चुका है. करीब 5 जंगली हाथियों को पालतू बनाने का काम अब भी जारी है.
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