छत्तीसगढ़: जानिए 13 दिन बाद पुलिस ने कैसे प्रवीण सोमानी को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से कराया मुक्त
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छत्तीसगढ़: जानिए 13 दिन बाद पुलिस ने कैसे प्रवीण सोमानी को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से कराया मुक्त

डीजीपी डीएम अवस्थी ने देर रात खुलासा किया है. प्रवीण सोमानी को सकुशल घर पहुंचा दिया गया है. डीजीपी ने पत्रकरों से चर्चा करते हुए बताया कि व्यापारी को पटना में रखा गया था, साथ ही उन्होंने कहा कि 20 सालों में प्रदेश में कई बड़े अपहरण हुए हैं.

प्रवीण सोमानी को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से सकुशल छुड़ा लिया गया

रायपुर: राजधानी से अपहृत कारोबारी प्रवीण सोमानी को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से सकुशल छुड़ा लिया गया है. इस मामले में डीजीपी डीएम अवस्थी ने देर रात खुलासा किया है. प्रवीण सोमानी को सकुशल घर पहुंचा दिया गया है. डीजीपी ने पत्रकरों से चर्चा करते हुए बताया कि व्यापारी को पटना में रखा गया था, साथ ही उन्होंने कहा कि 20 सालों में प्रदेश में कई बड़े अपहरण हुए हैं. जो गिरोह इस अपहरण में संलिप्त था उसने पूरे भारत के के कई राज्यों में कई बड़े अपहरण कांड को अंजाम दिया है.
 
पत्रकरों से चर्चा करते हुए डीजीपी ने बताया कि व्यापारी के अपहरण के बाद से ही राजधानी पुलिस कार्रवाई में जुट गई थी, काफी धैर्य के साथ पुलिस ने इस घटना में व्यापारी को सकुशल अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ाया है. इस गैंग की तलाश में उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा हरियाणा, गुजरात समेत इस गिरोह के लोगों की तलाश की गई है. गैंग का मुख्य सरगना पप्पू है. फिलहाल इस गिरोह के दो लोग पुलिस की गिरफ्त में हैं. इस काम मे उत्तर प्रदेश पुलिस, बिहार पुलिस ने काफी सहयोग किया है.

उन्होंने बताया कि अपहरणकर्ताओं के गिरोह का मुख्य सरगना छापेमारी के दौरान भाग निकला था. पुलिस ने अपहरण के बाद से ही कई कैमरे चैक किये थे, काफी लोगों से इस संबंध में पूछताछ की गई थी. पुलिस को पता चला था गिरोह ने व्यापारी को उत्तर प्रदेश के गांधी नगर में रखा है. जब पुलिस ने रेड कार्रवाई की तब अपहरणकर्ता व्यापारी को लेकर वहां से भाग निकले थे.

पुलिस ने उसके बाद भी कार्रवाई करते हुए व्यापारी को फैजाबाद और सुल्तानपुर के बीच अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ाया है. इस ऑपरेशन में राजधानी पुलिस ने काफी मेहनत की है. जब गिरोह के लोगों ने परिवार वालों से पैसे मांगे उस समय तक पुलिस ने व्यापारी को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ा लिया था.

बता दें कि व्यपारी को सिलतरा से उठाया गया था. व्यापारी की किडनैपिंग से पहले अपहरणकर्ताओं ने गूगल से सर्च कर व्यापारी के बारे में जानकारी प्राप्त की थी. आरोपियो ने कई दिनों तक व्यापारी की रेकी की थी, सिलतरा के पास आरोपियों ने अपने आप को ईडी का बताया और व्यापारी को अपने साथ सिलतरा ले गए.

वहां से वह व्यापारी को कटनी और फिर इलाहाबाद ले गए और आरोपियों ने व्यापारी के परिजनों को कॉल कर फिरौती की मांग की. आपको बता दें कि अपहरणकर्ताओं लगभग 50 करोड़ से ज्यादा की फिरौती की मांग की थी. इस बारदात में टोटल 10 लोग शामिल थे, मुख्य सरगना पप्पू चौधरी अभी फरार है. गौरतलब है कि आरोपियों ने व्यापारी को मेन्टल टॉर्चर भी किया था. 

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