अगर आप भी हैं अस्थमा के मरीज, तो सर्दियों में इन बातों का रखें ख्याल
धुआं अस्थमा रोगियों के लिए घातक होता है. इसलिए धुएं से बचकर रहें. अपने बिस्तर को साफ रखें. इस पर धूल जमने दें और हमेशा धुली हुई चादर इस्तेमाल करें.
गुंजन शर्मा/नई दिल्ली: सर्दियां शुरू होते ही शुरू होती हैं कई परेशानियां.खासकर अस्थमा के मरीजों के लिए सर्दी नाजुक समय होता है. जो लोग अस्थमा के मरीज हैं उनकी सांस की परेशानी सर्दियों में बढ़ जाती है.ठंड लगने पर शरीर का तापमान तेजी से गिरने लगता है. ऐसे में ध्यान रखने की ज्यादा जरूरत है.
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शराब ना पिएं
सर्दियों में अस्थमा के मरीजों को शराब से दूर रहना चाहिए. साथ ही ऐसी चीजों से दूर रहना चाहिए जिसमें कैफीन की मात्रा हो.
सर्दियों में क्यों बढ़ती है अस्थमा की परेशानी
सर्दियों के कारण सांस की नलियों में सूजन हो जाती है,जिससे सांस की नलियां सिकुड़ जाती हैं. इससे बलगम जमा होने लगता है और जो सांस को प्रभावित करता है. अस्थमा रोगियों के फेफड़े और सांस लेने की नलियां बहुत संवेदनशील होती हैं. ठंड के मौसम में ठंडी-सूखी हवाओं में वायरस होने से अस्थमा रोगियों को ज्यादा परेशानी हो जाती है.
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शरीर को रखें गर्म
अस्थमा के मरीजों को ठंड से बचकर रहना चाहिए.शुष्क और ठंडी हवा के कारण सांस लेने में परेशानी होती है. जिससे मरीज को घुटन महसूस हो सकती है.इसलिए ऐसे मरीज ठंड में विशेष सावधानी बरतें.प्रयाप्त गर्म कपड़े पहने, जिससे शरीर में गरमाहट बनी रहे. शरीर में गरमाहट रखने का मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि चाय या कॉफी का ज्यादा सेवन करने लगें.
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धुएं से रहें दूर
धुआं अस्थमा रोगियों के लिए घातक होता है. इसलिए धुएं से बचकर रहें. अपने बिस्तर को साफ रखें. इस पर धूल जमने दें और हमेशा धुली हुई चादर इस्तेमाल करें.
ठंड में बाहर कम निकलें
अगर ठंड अधिक हो तो अस्थमा के मरीजों को घर में ही रहना चाहिए. अगर शीतलहर चल रही हो तो बिल्कुल बाहर ना निकलें. अगर बाहर निकलना जरूरी हो तो कोशिश करें कि ज्यादा देर तक बाहर ना रहें.
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