जाति को लेकर सियासत! हाईकोर्ट जाएगा जोगी परिवार, बोले- क्या हम आसमान से आए हैं?
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जाति को लेकर सियासत! हाईकोर्ट जाएगा जोगी परिवार, बोले- क्या हम आसमान से आए हैं?

जोगी ने कहा कि मुख्यमंत्री बताने की कृपा करेंगे कि अगर हम आदिवासी नहीं हैं तो आखिर हमारी जाति क्या है? 

अमित जोगी.

रायपुर/रजनी ठाकुरः जोगी परिवार के जाति प्रमाण पत्र का मामला शांत नहीं हो रहा है. अब अमित जोगी ने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट का रुख करने का फैसला किया है. ऋचा जोगी जाति प्रमाण पत्र मामले में अमित जोगी ने सरकार पर सवाल उठाए हैं. 

अमित जोगी ने कहा कि अगर कमेटी ये कह रही है कि मैं और ऋचा जोगी आदिवासी नहीं हैं तो कमेटी ये भी बताए कि हमारी जाति क्या है? क्या हम आसमान से आए हैं. दुनिया में ऋचा और मैं ही बिना किसी जाति के एकमात्र दंपति बन चुके हैं. जोगी ने कहा कि मुख्यमंत्री बताने की कृपा करेंगे कि अगर हम आदिवासी नहीं हैं तो आखिर हमारी जाति क्या है? मेरी और मेरे पिताजी की जाति को लेकर भी यही किया गया था. पहले मेरे पिता की जाति का फैसला होगा उसके बाद मेरी जाति का फैसला होगा. 

अमित जोगी ने कहा कि ऋचा जोगी के दादा अंग्रेजों के समय में आदिवासी कोटे से रेलवे में सरकारी नौकरी कर चुके हैं. वहीं उनके चाचा भी आदिवासी कोटे से बैंक में नौकरी कर चुके हैं तो फिर ऋचा क्या आसमान से टपकी हैं?

मरवाही सीट से अगला चुनाव लड़ने के सवाल पर अमित जोगी ने कहा कि मैं मरवाही का नेता नहीं बल्कि बेटा हूं.उन्होंने कहा कि चुनाव में अभी बहुत वक्त है. 

जानिए क्यों है विवाद

बता दें कि छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम और जनता कांग्रेस के संस्थापक अजीत जोगी की जाति को लेकर विवाद की शुरूआत साल 1986 में हुई. उससे पहले वह सिविल सेवा के अधिकारी रहे लेकिन उनकी जाति को लेकर कोई विवाद नहीं हुआ. जब वह सिविल सेवा छोड़कर राजनीति में आए और राज्य सभा के सदस्य बने, तब उनकी जाति को लेकर विवाद शुरू हुआ. एमपी हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में अजीत जोगी की जाति के मुद्दे पर एक याचिका दाखिल की गई. हालांकि इस याचिका पर जोगी को कोई नोटिस जारी नहीं हुआ. 

इसके बाद जब जोगी ने मरवाही सीट से जीत हासिल की तो एक बार फिर उनकी जाति के मुद्दे पर कोर्ट में याचिका डाली गई. इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, जहां 2011 में एक हाई पावर कमेटी बनाकर अजीत जोगी की जाति का फैसला करने के निर्देश दिए गए. 

भूपेश बघेल सरकार ने सत्ता में आते ही इस हाई पावर कमेटी का गठन किया, जिसने अपने फैसले में अजीत जोगी को आदिवासी नहीं माना और उन्हें बतौर आदिवासी मिल रहे लाभ लेने से रोक दिया गया. इसके बाद अजीत जोगी और उनके बेटे अमित जोगी ने एक बार फिर कोर्ट का रुख किया, जहां मामला लंबित है.

साल 2020 में मरवाही सीट पर अजीत जोगी के निधन के बाद हुए उपचुनाव में अजीत जोगी की बहू और अमित जोगी की पत्नी रिचा जोगी ने अपना नामांकन किया था. हालांकि जिला स्तर की कास्ट स्क्रूटनी कमेटी ने रिचा जोगी के जाति प्रमाण पत्र को खारिज कर दिया. दरअसल अजीत जोगी की जाति को लेकर जो विवाद चल रहा है, उसी के आधार पर रिचा जोगी के जाति प्रमाण पत्र को खारिज कर दिया गया.

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