डॉक्टर रमन सिंह ने कहा, 'सात साल से दिल में राज छुपाकर क्यों बैठे हैं? अब तो सरकार भी कांग्रेस की है. सात साल से तथ्य हैं, सबूत हैं, सुनते आ रहा हूं. ये तथ्य कब सामने आएंगे, पता नहीं. अगर कोई तथ्य हैं, तो छिपाना भी अपराध है.'
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रायपुर: छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने बीते 25 मई को झीरम घाटी नक्सली हमले की सातवीं बरसी मनाई. इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दिए एक बयान से सूबे की राजनीति गरमा गई है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने झीरम घाटी नक्सली हमले को राजनीतिक नरसंहार बताया था और कहा था कि इसकी सच्चाई बाहर आनी चाहिए.
उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार की धीमी जांच की वजह से झीरम घाटी नक्सली हमले के गुनहगारों को सजा नहीं मिली और शहीदों के परिजनों को न्याय नहीं मिला. उनके इस बयान पर भाजपा ने पलटवार किया है. छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने कहा है कि झीरम घाटी नक्सली हमले में एनआईए जांच मनमोहन ने शुरू करवाई थी.
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डॉक्टर रमन सिंह ने कहा, 'सात साल से दिल में राज छुपाकर क्यों बैठे हैं? अब तो सरकार भी कांग्रेस की है. सात साल से तथ्य हैं, सबूत हैं, सुनते आ रहा हूं. ये तथ्य कब सामने आएंगे, पता नहीं. अगर कोई तथ्य हैं, तो छिपाना भी अपराध है. जस्टिस मिश्रा आयोग और एनआईए ने जांच की है. सबसे पूछताछ की है. कोई तथ्य है तो उसको सामने क्यों नहीं लाया जा रहा?'
पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि झीरम घाटी नक्सली हमले से वह भी दुखी हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीते 25 मई को झीरम घाटी शहीद दिवस के मौके पर पत्रकारों से चर्चा में कहा था कि इस हत्याकांड के षडयंत्र की सच्चाई सब जानना चाहते हैं. एनआईए से हम बार-बार मांग कर रहे हैं कि वह राज्य सरकार को जांच का जिम्मा सौंप दें.
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