कोरोना इलाज के नाम पर अब मनमानी नहीं, दर निर्धारित कर तीन कैटेगरी में बांटे गए निजी अस्पताल
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कोरोना इलाज के नाम पर अब मनमानी नहीं, दर निर्धारित कर तीन कैटेगरी में बांटे गए निजी अस्पताल

कोरोना काल में निजी अस्पताल की मनमानी को रोकने के लिए राज्य शासन ने कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए दर का निर्धारण कर दिया है. निजी अस्पतालों में उपलब्ध सुपरस्पेशियलिटी सुविधाओं के आधार पर इन्हें तीन श्रेणियों में बांटा गया है.

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ( फाइल फोटो)

रायपुर: कोरोना काल में निजी अस्पताल की मनमानी को रोकने के लिए राज्य शासन ने कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए दर का निर्धारण कर दिया है. निजी अस्पतालों में उपलब्ध सुपरस्पेशियलिटी सुविधाओं के आधार पर इन्हें तीन श्रेणियों में बांटा गया है. ए-श्रेणी में रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, कोरबा और रायगढ़ जिले के अस्पतालों को रखा गया है. बी-श्रेणी में सरगुजा, महासमुंद, धमतरी, कांकेर, जांजगीर-चांपा, बलौदाबाजार-भाटापारा, कबीरधाम एवं बस्तर जिले के अस्पतालों को रखा गया है. शेष जिलों के अस्पताल सी-श्रेणी में शामिल हैं. निजी अस्पतालों में कोविड-19 के इलाज में होने वाला खर्च मरीज को खुद करना होगा. 

निजी अस्पतालों में इलाज के लिए दर निर्धारित
ए-श्रेणी वाले जिलों के एन.ए.बी.एच. (National Accreditation Board of Hospitals) मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में मॉडरेट स्थिति वाले मरीजों के इलाज के लिए प्रतिदिन 6200 रूपए का शुल्क निर्धारित किया गया है. इसमें सर्पोर्टिव केयर आइसोलेशन बेड के साथ ऑक्सीजन और पीपीई किट की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. गंभीर स्थिति वाले मरीजों के उपचार के लिए रोजाना 12 हजार रूपए का शुल्क निर्धारित किया गया है. इसमें वेंटिलेटर केयर के बिना आईसीयू और पीपीई किट शामिल है. अति गंभीर मरीजों के इलाज के लिए 17 हजार रूपए प्रतिदिन की दर निर्धारित की गई है. इसमें वेंटिलेटर केयर के साथ आईसीयू (इनवेसिव/नॉन-इनवेसिव) और पीपीई किट शामिल है. वहीं एन.ए.बी.एच. से गैर मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों के लिए मॉडरेट, गंभीर और अति गंभीर मरीजों के इलाज के लिए प्रतिदिन 6200, दस हजार और 14 हजार रूपए का शुल्क निर्धारित किया गया है. 

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बी-श्रेणी में शामिल जिलों के सुपरस्पेशियलिटी सुविधा वाले अस्पताल तीनों स्थिति (मॉडरेट, गंभीर और अति गंभीर) के मरीजों के इलाज के लिए ए-श्रेणी के लिए निर्धारित दर का 80 प्रतिशत और सी-श्रेणी वाले जिलों के अस्पताल 60 प्रतिशत शुल्क ले सकेंगे. सभी अस्पताल डायग्नोसिस के लिए आयुष्मान भारत एवं डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत आई.पी.डी. मरीजों के लिए निर्धारित शुल्क ही लेंगे।.जहां ये योजनाएं लागू नहीं है वहां सीजीएचएस (Central Government Health Scheme) दरों के अनुसार शुल्क लिया जाएगा. सभी अस्पतालों में दवाईयों की कीमत वास्तविक बाजार मूल्य के अनुसार ही लिए जाएंगे.

राज्य सरकार द्वारा आदेश दिया गया है कि इन नियमों और दिशा-निर्देशों के उल्लंघन पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. राज्य शासन द्वारा निजी अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए यह आदेश एपेडेमिक डिसीज एक्ट-1897, छत्तीसगढ़ पब्लिक एक्ट-1949 और छत्तीसगढ़ एपिडेमिक डिसीज कोविड-19 रेगुलेशन-2020 के तहत जारी किया गया है.

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