कस्टमर्स ने अकाउंट पर नहीं रखी नजर, तो 3 करोड़ का फ्रॉड कर गई SBI बैंक मैनेजर, EOW ने दर्ज किया केस
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कस्टमर्स ने अकाउंट पर नहीं रखी नजर, तो 3 करोड़ का फ्रॉड कर गई SBI बैंक मैनेजर, EOW ने दर्ज किया केस

देश के सबसे विश्वसनीय बैंक एसबीआई की इंदौर सियागंज शाखा में लोगों के साथ बड़ी धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. जहां मैनेजर ने लोगों के साथ दो करोड़ 90 लाख से ज्यादा का फ्रॉड किया.

फाइल फोटो

प्रमोद/इंदौर: देश के सबसे विश्वसनीय बैंक एसबीआई की इंदौर सियागंज शाखा में लोगों के साथ बड़ी धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. जहां मैनेजर ने लोगों के साथ दो करोड़ 90 लाख से ज्यादा का फ्रॉड किया. सियागंज ब्रांच में 2018-19 और 2019-20 के बीच तत्कालीन बैंक की मैनेजर श्वेता सिरोइवाल ने लगभग 49 से ज्यादा लोगों को ठगी का शिकार बनाया. आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ (EOW) ने श्वेता दारूवाला और कर्मचारी कौस्तुभ सिंगारे के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी की धाराओं में केस दर्ज किया है. 

अधूरे दस्तावेजों पर लिए लोन
जानकारी के मुताबिक, तत्कालीन बैंक की मैनेजर श्वेता सिरोइवाल और कर्मचारी कौस्तुभ नकदी जमा कराने आने वाले खाताधारकों से रकम लेकर उनके खातों में जमा न करते हुए दूसरे खातों में ट्रांसफर करते और बाद में वहां से रकम निकाल लेते थे. आरोपियों ने अधूरे दस्तावेजों पर पर्सनल लोन, वाहन और होम लोन भी जारी कर दिए गए. कई मामलों में तो आवेदक को ही नहीं पता था कि उनके नाम से ऋण भी है.

दो करोड़ 90 लाख का फ्रॉड
इंदौर के पवन गोयल सियागंज ब्रांच में गए ही नहीं थे, लेकिन उनके नाम पर छह लाख का लोन ब्रांच मैनेजर ने फर्जी तरीके से निकाल लिया.ऐसे ही रेखा गौड़ जो मुद्रा लोन के लिए बैंक गई हुई थी उन्होंने लोन के लिए कागज दिए, लेकिन उन्हें पता चला कि बैंक मैनेजर ने चार लाख पचास हजार का पर्सनल लोन अपने साथियों की मिलीभगत से निकाल लिया. वहीं संतोष बरगल ने अपना पुराना लोन तो चुका दिया पर बैंक मैनेजर ने उनके पुराने दस्तावेजों के आधार पर 6 लाख 50 हजार का पर्सनल लोन ले लिया. शातिर बैंक मैनेजर श्वेता ने ऐसे ही कई और खाते जो बंद पड़े हैं जिनमें पैसे का आदान-प्रदान नहीं हो रहा है बड़ी रकम खातों में है उनके फर्जी वारिस बनाकर पैसे हड़प लिए हैं. 

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EOW ने शुरू की मामले में कार्रवाई
ईओडब्ल्यू के मुताबिक खाताधारकों ने शिकायत की थी कि बैंक मैनेजर श्वेता और कौस्तुभ खातों से राशि हड़प रहे हैं. इस बात को लेकर विवाद भी होते थे. खातों की जांच में पता चला कि एंट्री ही सही से नहीं की जाती है. जांच पूरी होने के बाद भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, अमानत में खयानत सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया. 

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